चुनाव का तरीका हो ठीक, पोस्टर और बैनर पर लगे रोक
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: हरियाणा में छात्र संघ चुनाव को लेकर कालेजों में चहल-पहल द
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
हरियाणा में छात्र संघ चुनाव को लेकर कालेजों में चहल-पहल देखी जा रही है। विद्यार्थी भी कालेजों में चुनाव को लेकर तैयारिया करने लग गए है। विद्यार्थी छात्र संघ के चुनाव को लेकर छात्र संगठनों व उम्मीदवार के बारे में आपस में चर्चा भी करने लगे है कि उनका उम्मीदवार कैसा हो। चुनाव प्रक्रिया किस तरीके से अपनाई जाए। चुनाव में क्या-क्या सावधानिया बरती जाए ताकि चुनाव पूरी तरह शातिपूर्वक हो जाए और विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित ना हो। शुक्रवार को कुछ छात्राओं से विचार-विमर्श किया गया तो उनकी राय में सामने आया कि चुनाव का तरीका ठीक होना चाहिए और पोस्टर व बैनर का प्रयोग नहीं होना चाहिए। चुनाव में पैसा खर्च बिल्कुल नहीं किया जाए। मेरा मानना है कि छात्र संघ के चुनाव होने चाहिए। छात्र नेता चुने जाने के बाद विद्यार्थी व कालेज प्रबंधन के बीच आपसी सामंजस्य बना रहता है। कोई भी समस्या आने पर मिल बैठकर हल किया जा सकता है। विद्यार्थी भी छात्र नेता के माध्यम से अपनी समस्याएं आसानी से कालेज प्रबंधन तक पहुचा सकते है।
---शीतल, सहायक प्राध्यापक वाणिज्य, राजकीय महिला महाविद्यालय मेरी नजर में सरकार ने छात्र संघ के चुनाव कराने का जो फैसला लिया है वह काफी उचित है। मगर छात्र संघ के चुनाव में चुनाव प्रचार बिल्कुल शाति से होना चाहिए। पैसे व समय पर लिमिट जरूर लगनी चाहिए, ताकि न तो विद्यार्थियों में रजिश पले और ना ही उनमें भेदभाव हो। नियम ऐसे बनाए जाए, ताकि विद्यार्थियों में ईष्र्या भाव पैदा ना हो।
----मीनू, छात्रा, राजकीय महिला महाविद्यालय।
हमें ऐसे विद्यार्थी को अपना नेता चुनना चाहिए जो हमारे बीच में ही रहता हो और जिसे विद्यार्थियों की समस्याओं का पूरी तरह ज्ञान हो। छात्र नेता चयन करने के लिए उसकी अनुपस्थिति भी कालेज में 75 फीसद से अधिक होनी चाहिए। तभी उसे विद्यार्थियों की असल समस्या का ज्ञान होगा और वह अपनी बात प्रबंधन के सामने प्रमुखता से रख सकेगा।
----रश्मि, छात्रा, राजकीय महिला महाविद्यालय। छात्र संघ के चुनाव हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे हमें अपनी समस्या को आसानी से कालेज प्रबंधन तक पहुचा सकेंगे लेकिन चुनाव के दौरान प्रत्याशी के चयन का आधार ठीक होना चाहिए ताकि कोई आपराधिक किस्म का छात्र इस राजनीति में आगे ना बढ़ सके। अगर कोई छात्र नेता ऐसा चुना जाता है तो वह भारी संख्या में विद्यार्थियों का भविष्य खराब कर सकता है।
----साक्षी, छात्रा, राजकीय महिला महाविद्यालय।