धूमधाम से मनाया गया राखी का त्योहार, खूब रही चहल-पहल, दिन भर बाजार रहे गुलजार
जागरण संवाददाता, झज्जर : रक्षाबंधन सिर्फ भाई और बहन का त्योहार नहीं है, यह परिवार-समाज
जागरण संवाददाता, झज्जर : रक्षाबंधन सिर्फ भाई और बहन का त्योहार नहीं है, यह परिवार-समाज और प्रकृति से प्रेम और उसकी रक्षा का बोध भी कराता है। इस त्योहार में भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं की विविधता साफ झलकती है। इसी विविधता के विभिन्न रूप रविवार को यहां देखने को मिलें। धूमधाम से मनाए गए त्योहार में छुट्टी के दिन होने का भी लोगों ने खूब आनंद उठाया। एक ओर जहां रोडवेज की ओर से नि:शुल्क सेवा का असर इस रूप में देखने को मिला कि प्राइवेट बसें पहले से कम दिखीं। जबकि रोडवेज की बसों में लोगों को सीट और बस दोनों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। हालांकि व्यवस्था के स्तर पर प्रयास भी किए गए। लेकिन वह नाकाफी दिखाई दिए। दिन में कई दफा धक्का मुक्की का माहौल भी बनता हुआ दिखा। फिर भी लोगों ने दी जा रही इस सुविधा का खूब लाभ भी उठाया और सरकार के कदम को सराहा भी।
शनिवार सायं से बहनों के आगमन का सिलसिला रविवार सुबह से ही शुरू हो गया था। खास बात यह रही कि दिन भर मुहुर्त अच्छा होने के कारण भी दोपहर तब बहनें भाइयों के यहां परिवार सहित पहुंची। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर, तिलक लगाकर व आरती कर लंबी आयु की दुआ मांगी। वहीं भाइयों ने भी उपहार स्वरूप वस्तुएं भेंट कर जीवन भर रक्षा करने का वचन दिया। पर्व के चलते बस स्टैंड परिसर व बाजारों में खूब चहल-पहल दिखाई दी। रोडवेज बसें जहां निर्धारित दिनों की तरह सड़कों पर उतरी, वहीं निजी बसें पहले की अपेक्षा कम ही सड़कों पर दिखाई दी। इसके अलावा जेल परिसर में भी रक्षाबंधन पर्व की धूम रही। बस वहां का नजारा कुछ और था, वहां बहनों ने नम आंखो से अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा। उधर, रक्षाबंधन पर्व के चलते जिला पुलिस द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए। विभिन्न चौक-चौराहों के अलावा भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहा। वहीं बस स्टैंड परिसर व बाजारों में पीसीआर निरंतर गश्त लगाती रही।
आमदिनों की अपेक्षा निजी बसें कम ही दिखीं
सरकार द्वारा रक्षाबंधन पर्व को लेकर किए गए एलान के चलते रोडवेज विभाग द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किए गए। रोडवेज बसें दिनभर सड़कों पर दौड़ती नजर आई। खास बात यह रही कि जिस रूट पर ज्यादा सवारी दिखाई देती, विभाग द्वारा उसी रूट पर ही बस भेज दी गई। जिसके चलते बहनों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में सहूलियत रही। जबकि निजी बसें पहले की अपेक्षा कम ही दिखाई दी, इक्का-दुक्का बसें ही सड़कों पर उतरी । हालांकि सड़क पर निजी वाहनों की बात करें तो वह अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा दिखें। सबसे अधिक बड़ा असर रविवार छुट्टी के दिन का दिखाई दिया। बाजार की भी बात हो तो यहां पर भी ग्राहक खूब थे। त्योहार से जुड़ी हुई दुकानों के अलावा शेष दुकानें बंद ही रही। जबकि इनके खुले रहने के कारण चहल पहल भी अच्छी बनी रही। मिठाई की दुकानों की बात हो तो यहां पर सुबह से ही भीड़ दिखाई दी। लोगों को जहां लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। वहीं बहुत से ऐसे भी रहें जिन्हें कि अपनी मन पसंद की मिठाई भी नहीं मिली। जेल परिसर में भी मनाया गया रक्षाबंधन
जेल परिसर में भी रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। यहां पर नम आंखों के साथ बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधी। भाई भी बेबस दिखाई दे रहे थे और राखी बंधवाने के बाद भाई अपने बैरकों पर लौट गए और बहने रोती हुई जेल परिसर से बाहर आ गई। हालांकि यह लोग सरकार की ओर से इस तरह से दी गई छूट से भी प्रसन्न दिखाई दिए। इनका कहना था कि इस तरह से मिली छूट भी काफी है। इधर, रक्षाबंधन पर्व पर किसी तरह की अनहोनी घटना घटित न हो। इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों के अलावा भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहा। वहीं बस स्टैंड परिसर व बाजारों में पीसीआर निरंतर गश्त लगाती रही।