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जोरदार बरसात से जलमग्न हुआ शहर, खेतों में रहने वालों के लिए नारकीय बना जीवन

वीरवार सुबह से मौसम में बदलाव देखने को मिला हैं। दोपहर बाद से शुरु हुई बरसात का असर इस तरह से देखने को मिला कि शहर और ग्रामीण आंचल जलमग्न होने लगे हैं। परिस्थितिवश लोगों को परेशानी हो रही हैं। ऐसे समय में स्कूल से वापिस लौटे बच्चों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। खेती-किसानी का कार्य प्रभावित हो रहा हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 11:35 PM (IST)
जोरदार बरसात से जलमग्न हुआ शहर, खेतों में रहने वालों के लिए नारकीय बना जीवन

जागरण संवाददाता, झज्जर : वीरवार सुबह से मौसम में बदलाव देखने को मिला हैं। दोपहर बाद से शुरु हुई बरसात का असर इस तरह से देखने को मिला कि शहर और ग्रामीण आंचल जलमग्न होने लगे हैं। परिस्थितिवश लोगों को परेशानी हो रही हैं। ऐसे समय में स्कूल से वापिस लौटे बच्चों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। खेती-किसानी का कार्य प्रभावित हो रहा हैं। जिस तरह से बरसात को लेकर पूर्वानुमान बताया जा रहा हैं, के मुताबिक आने वाले दिनों में भी बरसात होगी। ऐसे में लोगों को दिक्कत होना लाजिमी हैं। जो कि जमा हुए पानी की वजह से पहले ही दु:खी हैं। हालांकि, बरसात की वजह से तपिश से राहत मिली है। लेकिन, उमस अभी भी परेशान कर रही हैं। वीरवार को सबसे अधिक झज्जर खंड में 44 एमएम बरसात हुईं। जबकि, जिला के स्तर पर बात करें तो यह आंकड़ा औसतन करीब 14 एमएम रहा।

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खेतों में रहने वालों के लिए नारकीय बना जीवन : गांव अमादल शाहपुर निवासी सुरेंद्र पुत्र धर्म सिंह तथा अजीत पुत्र चंद्र सिंह का कहना है कि बरसात की वजह से खेतों में जलजमाव की स्थिति बनने की वजह से उनका जीवन नारकीय आन बना हैं। पिछले करीब दस दिनों से घर में तथा आस-पास के क्षेत्र में बरसात का पानी खड़ा हैं। मजबूरी के चलते उन्हें अपने परिवार के सदस्य एवं पशुओं को गांव से बाहर नजदीकी लोगों के यहां पर भेजना पड़ा हैं। क्योंकि, मौजूदा हालात में वे अपने परिवार के सदस्यों को अपने साथ नहीं रख सकतें। लंबे समय से प्रशासन से मांग उठा रहे है कि ग्रामीणों के लिए कोई ठोक कदम उठाया जाए। लेकिन, व्यवस्था नहीं बन पा रही। हालात ऐसे ही रहे तो किसी भी दिन उनका मकान भी पानी में ढह जाएगा।

स्कूली विद्यार्थियों के लिए बनी परेशानी : मौजूदा समय में जिस तरह से बरसात हो रही है, प्राय: ऐसा रहता है कि शहर का काफी हिस्सा तालाब का रुप ले लेता हैं। जिसमें वाहन चालकों के लिए भी चल पाना आसान नहीं होता। जबकि, वीरवार सहित पिछले दिनों में भी ऐसा हुआ है कि स्कूली विद्यार्थियों की छुट्टी के समय में ऐसे हालात बनें कि उन्हें बरसाती पानी से गुजरकर अपने घर तक पहुंचना पड़ा। बता दें कि कक्षा पांच से कक्षा 12 तक की कक्षाएं लग रही हैं। छोटे बच्चे करीब डेढ़ से दो फीट पानी से होकर अपने घर तक पहुंचते हैं। ऐसे समय में लापरवाही उन स्कूलों के स्तर पर भी दिखाई देती हैं, जो कि स्कूली विद्यार्थियों को खड़े पानी में या उसके आस-पास छोड़कर गए। जिसकी वजह से अभिभावकों को भी दिक्कत उठानी पड़ी।

दुकानों में घुसा पानी, हर बरसात में हो रहा नुकसान : शहर के भगत सिंह चौक पर स्थानीय दुकानदारों ने कई बार जिला प्रशासन को गुहार लगाई है कि उनके क्षेत्र में बरसाती पानी दुकानों में घुस जाता है।इसका मुख्य कारण विभाग द्वारा छोड़ा गया नाला है। जो कि साफ नहीं हो रहा। पानी के आगे जाने का रास्ता नहीं होने की वजह से जलजमाव की स्थिति बनती हैं। दुकानदार संदीप व दलबीर ने बताया कि किसके लिए वह कई बार विभाग को लिखित व मौखिक रूप से भी आग्रह कर चुके हैं। लेकिन विभाग हर बार उन्हें आश्वासन दे दिया जाता है। बलवान सिंह, गंगा, राजू एवं सोनू ने बताया कि इसका मुख्य कारण यह भी है कि जब पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस की मोटर चलती है तो पानी आगे निकल जाता है। लेकनि, बरसात बंद हो जाने के बाद जो पानी खड़ा होता है। वह निकल नहीं पाता।


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