मोबाइल टायलेट रखने के बाद सफाई करवाना भूला नगरपालिका प्रशासन
जागरण संवाददाता, झज्जर : खुले में शौच मुक्त शहर बनाने के लिए पालिका प्रबंधन द्वारा भारी भरक
जागरण संवाददाता, झज्जर : खुले में शौच मुक्त शहर बनाने के लिए पालिका प्रबंधन द्वारा भारी भरकम राशि खर्च कर शहर के विभिन्न स्थानों पर मोबाइल टायलेट रखवाए गए थे। ताकि आमजन को इसका लाभ मिले और शहर स्वच्छ रहे। लेकिन वहीं मोबाइल टॉयलेट अब लोगों की परेशानी का कारण बने हुए है। रखरखाव के अभाव में इनकी स्थिति बद से बदहाल हो चुकी है। इस्तेमाल करने की तो बात दूर, इसके पास से भी निकलना मुश्किल हो रखा है। हालांकि पूरे शहर में रखे गए मोबाइल टॉयलेट के यहीं हालत है। लेकिन रेवाड़ी बाईपास पर रखे मोबाइल टॉयलेट की स्थिति तो सबसे ज्यादा दयनीय है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्वेक्षण टीम तै बतावैगे नगरपालिका किस तैरया काम कर री सै, कई महीने मोबाइल टॉयलट रख्या न होगे, एक बार भी कोई संभालन न कोन्या आया। सिर्फ रुपया की बर्बादी होन लाग री सै, और कुछ ना सै। पंचनद चौक के पास रखे हुए टॉयलेट के टायर भी असामाजिक तक उतार कर ले जा चुके है। लेकिन फिर भी कोई इसकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ----
मोबाइल टॉयलेट रखने के बाद से एक बार भी इसकी कोई सफाई करने नहीं आया है। आस-पास झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाले लोग अब खुले में ही शौच जा रहे है। जिसके चलते वातावरण प्रदूषित हो रहा है। मोबाइल टॉयलेट सिर्फ शोपीस बनकर ही रह गए है।
जगबीर पंघाल, स्थानीय निवासी। मोबाइल टॉयलेट में पानी की व्यवस्था नहीं है। हालत खराब है। अगर समय पर रखरखाव होता तो आमजन को इसका फायदा भी मिलता और रुपए की बर्बादी भी नहीं होती। गाड़ी के टायर तक चोरी हो चुके है। फिर भी कोई सुध लेने वाला नहीं है। यहां से निकलते हुए भी मुंह पर कपड़ा रखना पड़ता है।
अमन कोडान, स्थानीय निवासी। सुविधा तो बहुत दूर की बात है। अब तो परेशानी होने लगी है। दूर तक बदबू आती है। दुकान पर बैठना भी मुश्किल हो रखा है। नगर पालिका के अधिकारियों से अब तो यह निवेदन है कि यहां से इस मोबाइल टॉयलेट को उठा कर ले जाए। कम से कम बदबू तो नहीं आएगी।
भूपेंद्र, स्थानीय निवासी। शहर की सफाई व्यवस्था तो राम भरोसे चल रही है। मोबाइल टॉयलेट के अलावा भी कहीं सफाई नहीं है। मोबाइल टॉयलेट सफेद हाथी साबित हो रहे है। एक बार रखवाने के बाद से ही सफाई नहीं की गई है। पानी तक की व्यवस्था नहीं है। अब तो यह कबाड़ बनने लगे है।
सत्यवान, स्थानीय निवासी।