हड़ताल छोड़ ड्यूटी पर लौटे 6 चालक-परिचालक, कई दिनों बाद खुला यूनियन कार्यालय
जागरण संवाददाता, झज्जर: सरकार की सख्ती का असर रोडवेज के हड़ताली कर्मचारियों पर देखने
जागरण संवाददाता, झज्जर: सरकार की सख्ती का असर रोडवेज के हड़ताली कर्मचारियों पर देखने को मिल रहा है। शनिवार को हड़ताल के 12 वें दिन 4 चालक और 2 परिचालकों ने हड़ताल छोड़कर अपनी ड्यूटी ज्वाईन की। इसके अलावा अब रोडवेज यूनियनों से जुड़े कर्मचारियों का रूख भी बदलता हुआ दिखने लगा है। कई दिनों के बाद शनिवार को रोडवेज बस स्टैंड परिसर स्थित एक यूनियन का कार्यालय खुला हुआ मिला। यहां कर्मचारी आपस में हड़ताल विषय को लेकर ही बातचीत करते हुए दिखाई दिए। मौके पर मौजूद रहे कर्मचारियों का कहना था कि सरकार भी झुकने को तैयार नहीं और कर्मचारी भी। ऐसे में सरकार को चाहिए की कोई बीच का रास्ता निकाला जाए ताकि रोडवेज को भी नुकसान नहीं हो और कर्मचारियों को भी। उधर, हड़ताल के 12वें दिन रोडवेज की 78 बसें अपने निर्धारित समयानुसार गंतव्य की ओर रवाना हुई। जिसके चलते आमजन को राहत मिली। वहीं त्योहार का दिन होने के चलते आम दिनों की अपेक्षा बस स्टैंड परिसर में चहल-कदमी कम ही दिखाई दी। ---भर्ती प्रक्रिया के दौरान वेटिंग लिस्ट में रखे गए युवाओं को भी बुलाया ड्यूटी पर : हड़ताल के दौरान आमजन को परेशानी नहीं हो इसके लिए विभाग सभी तरह के प्रयास कर रहा है। विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया के दौरान वे¨टग में रखे गए युवाओं को भी मौका दिया जा रहा है। जिसके तहत 21 अक्टूबर को 4, 22 अक्टूबर को 2, 23 अक्टूबर को 2 और 23 अक्टूबर को 2 युवाओं को बुलाया गया है। इसके अलावा सस्पेंड चल रहे कर्मचारियों को भी ज्वाईन करवाया जा रहा है। कुल मिलाकर विभागीय स्तर पर हर संभव प्रयास किया जा रहा है व्यवस्था किसी भी स्तर पर अब और खराब नहीं हो। ----चालक पद के लिए चार गुणा तथा परिचालक के लिए तीन गुणा अधिक फार्म हुए एकत्रित रोडवेज की हड़ताल के चलते सरकार द्वारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद अब आवेदकों को टोकन नंबर वितरित किए जा रहे है। शनिवार को भी काफी संख्या में आवेदक टोकन नंबर लेने पहुंचे। चालक पद के जहां चार गुणा फार्म अधिक जमा हुए है। वहीं परिचालक पद के लिए तीन गुणा फार्म अधिक जमा हुए है। विभाग द्वारा चालक के लिए 504 और परिचालक के लिए 905 पदों के आवेदन मांगे गए है। अब अधिकारी भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यालय के आदेशों का इंतजार कर रहे है। ---लिपिकीय काम हो रहा प्रभावित
हड़ताल के चलते लिपिकीय कार्य भी प्रभावित है। प्रतिदन का लेखा-जोखा तथा अन्य कार्यों को संभालने की जिम्मेवारी कुछ ही लोगों के कंधों पर है। ऐसे में पूरा सिस्टम प्रभावित हो रखा है। सभी कार्यों को मैनयुअल तरीके से रसीदें बनाकर किया जा रहा है। चूंकि प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े अधिकारी अभी तक इस प्रयास में ज्यादा है कि रूटों पर बस अधिक जाए और लोगों को परेशानी कम हो। जिसके कारण अभी पूरी तरह से सिस्टम को अपडेट नहीं किया जा पा रहा। ऐसी स्थिति में प्रतिदन के आय- व्यय सहित अन्य कार्यों की डिटेल भी ठीक ढंग से तैयार नहीं हो पाई है।