साप्ताहिक बंदी के विरोध में व्यापारी, जोरदार प्रदर्शन के बाद सौंपा ज्ञापन
साप्ताहिक बंदी का समय दो दिन किए जाने एवं दिनों में बदलाव होने की प्रक्रिया का व्यापार मंडल प्रमुखता से विरोध कर रहा है। सरकार के स्तर पर जारी निर्देश को मद्देनजर रखते हुए शहर में व्यापार मंडल के प्रधान राकेश अरोड़ा की अध्यक्षता में शनिवार को जोरदार प्रदर्शन करने के बाद एसडीएम शिखा को गृह मंत्री अनिल विज के नाम पर प्रेषित ज्ञापन सौंपा गया।
जागरण संवाददाता, झज्जर : साप्ताहिक बंदी का समय दो दिन किए जाने एवं दिनों में बदलाव होने की प्रक्रिया का व्यापार मंडल प्रमुखता से विरोध कर रहा है। सरकार के स्तर पर जारी निर्देश को मद्देनजर रखते हुए शहर में व्यापार मंडल के प्रधान राकेश अरोड़ा की अध्यक्षता में शनिवार को जोरदार प्रदर्शन करने के बाद एसडीएम शिखा को गृह मंत्री अनिल विज के नाम पर प्रेषित ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मुख्य रूप से व्यापारी नेता महेंद्र बंसल, प्रमोद बंसल, केडी शर्मा आदि मौजूद रहे। सामूहिक रूप से हुए विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि इस तरह की बंदी को जबरदस्ती नहीं थोपा जाए। सिर्फ सप्ताह में एक दिन रविवार बंद के अलावा अन्य कोई बंद नहीं हो। अगर ऐसा होता है तो व्यापार को चौपट होने का कदम होगा।
शुक्रवार को बनाई थी योजना, सुबह दिया मूर्त रूप : शुक्रवार की रात करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में सभी ने अपने-अपने स्तर पर राय देते हुए कहा कि मौजूदा समय में बाजार, व्यापारी और ग्राहक सभी भ्रमित हो रहे हैं। कारोबार पहले ही मंदी के दौर में चल रहा है। जबकि, सरकार के स्तर पर लिए जाने वाले फैसलों में गंभीरता नहीं दिख रही। अगर प्रशासन और सरकार बाजार को बंद रखने की नीयत से कदम उठाना चाहती है तो एक ही दिन रविवार का बंद रहना चाहिए। इस समय दो दिन की बंदी व्यापारी को कमजोर कर देगी। फैसले को मूर्त रूप देते हुए व्यापारी पंजाबी धर्मशाला में एकत्रित हुए। बाद में डायमंड चौक, आंबेडकर चौक, सिलानी गेट, राव तुला राम चौक आदि क्षेत्र से होते हुए वे लघु सचिवालय में पहुंचे। जहां पर उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही कहा कि वे सोमवार और मंगलवार के बंद का सौ फीसद विरोध करते हैं। बैंकिग से जुड़े कार्य हो रहे प्रभावित, कारोबार हो रहा ठप
उपस्थित लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापारियों को किसी भी स्तर पर मदद करने की बात हो तो सरकार के स्तर पर गंभीरता देखने को नहीं मिल रही। मौजूदा समय में व्यापारी को पूरी तनख्वाह देनी पड़ रही है। दुकान और घर का किराया भरना पड़ रहा है। शनिवार और रविवार की बंदी की बजाय सोमवार और मंगलवार बंद रहने से बैंक के कार्य प्रभावित हो जाएंगे। व्यापारी का काम और पूरा सिस्टम ही इस फैसले से प्रभावित होगा। जो कि अच्छा कदम नहीं है। ऐसे में सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए इसे बदलना चाहिए। व्यापार के सिस्टम से छेड़छाड़ कर रही सरकार
सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए व्यापारियों ने कहा कि दो दिन तक बंद किए जाने का आदेश देने वाली सरकार अभी तक यह तर्क नहीं दे पाई कि क्यों बाजार को दो दिन के लिए बंद किया जा रहा है। जबकि, बस पूरी केपेसिटी के साथ चल रही है। नेताओं की रैलियों में पूरी भीड़ रहती है। प्रशासनिक स्तर पर किसी भी गतविधि पर रोक नहीं है। ऐसा दो दिन होने से क्या होगा। स्पष्ट किया जाना चाहिए। इधर, जिस तरह का प्रयास हो रहा है। बेशक ही वह व्यापारी के सिस्टम से छेड़छाड़ की नीयत से हो रहा है। दैनिक रूटीन में किए जाने कार्यों को लेकर व्यापारी काफी चिता में है।