बेनूर हुई 75 कर्मचारियों की दीपावली
जागरण संवाददाता, झज्जर : आउटसोर्सिग पॉलिसी के तहत चतुर्थ श्रेणी और कंप्यूटर आपरेटर के
जागरण संवाददाता, झज्जर : आउटसोर्सिग पॉलिसी के तहत चतुर्थ श्रेणी और कंप्यूटर आपरेटर के पदों पर कार्यरत 75 कर्मचारियों को नए ठेकेदार द्वारा हटाए जाने से नाराज कर्मचारियों ने सोमवार सुबह कामकाज ठप कर अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। अपना काम काज छोड़ कर्मचारी अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना देते हुए अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कर्मचारियों का कहना था पिछले दस वर्षो से कार्य कर रहे है। अब एकाएक नए ठेकेदार ने आकर 110 कर्मचारियों में से 75 कर्मचारियों का हटाने का फरमान सुना दिया है। पिछले चार माह का मानदेय भी नहीं मिला है। दीपावली पर्व नजदीक है परिवार के पालन पोषण कैसे करें संकट पैदा हो गया है। उधर, कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद एकाएक अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर मरीजों और उनके तीमारदारों की लंबी कतारें लग गई। काफी समय तक जब कोई कार्ड बनाने के लिए सीट पर नहीं आया तब मरीजों और उनके तीमारदारों का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने एसएमओ कार्यालय के बाहर हंगामा भी किया। ओपीडी के कार्ड स्वयं बनाते हुए दिखाई दिए मरीज और उनके तीमारदार
कर्मचारियों के कामकाज छोड़कर धरनारत हो जाने से अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई। सोमवार का दिन होने के चलते मरीजों और उनके तीमारदारों की भीड़ भी रूटीन के दिनों की अपेक्षा अधिक दिखाई दी। सुबह से ही ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए जब कतारबद्ध हुए लोगों का कई घंटों के इंतजार के बाद भी कार्ड नहीं बना तो मरीजों और उनके तीमारदारों का गुस्सा आ गया। मरीज स्वयं ओपीडी रूम में जाकर ओपीडी कार्ड को उठाकर चिकित्सकों के कमरों में जाने लगे। इधर, जब चिकित्सकों ने बगैर रजिस्ट्रेशन के कार्ड होने का हवाला देते हुए उपचार करने से मना कर किया तो मरीजों और उनके तीमारदारों ने एसएमओ कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा शुरू किया। यहां पर एसएमओ कार्यालय में बैठे हुए नोडल अधिकारी के साथ गरमा-गरमी भी हुई। हालात बिगड़ते देख नोडल आफिसर ने अपना कमरा अंदर से बंद कर लिया। कोई बच्चों को उठाकर भटक रहा था तो कोई पेट में दर्द होने की कह रहा था बात
सोमवार को वैसे ही अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ अधिक रहती है। ऐसी स्थिति में बनी इस परेशानी का असर मरीजों और उनके साथ आए परिवार के लोगों पर भी साफ दिखाई दिया। कारण कि रजिस्ट्रेशन की अह्म कड़ी का ¨लक टूट जाने के कारण दिक्कत ज्यादा आन बनी। स्थिति इतनी खराब रही कि मरीज इधर से उधर भटकते रहे। बादली से आए मोहन, कलोई से धर्मेद्र, राजबीर आदि का कहना था कि जब कोई कार्ड ही नहीं बनाएंगा तो खुद ही कार्ड उठाने पडेंगे क्या करें। पहले ही अपनी बीमारी से परेशान है, ऊपर से यहां आने पर भी परेशानी हो रही है। कई घंटों से यहां पर चक्कर लगा रहे हैं। कोई उपचार नहीं मिल रहा। ऐसे में जब किसी मरीज के साथ अनहोनी घटना घटित हो जाएगी तभी अस्पताल जागेगा क्या। प्रतिवर्ष कर्मचारियों के साथ बनती है ऐसी स्थिति
कर्मचारी नेता कंवर ने बताया कि नए ठेकेदार द्वारा 110 में से 75 कर्मचारियों का हटा दिया है। दीपावली पर्व नजदीक है, ऐसे में त्योहार कैसे मनेगा, इस बात की भी ¨चता हो रही है और भविष्य में परिवार का पालन पोषण कैसे होगा उसकी भी। प्रतिवर्ष जब नया टेंडर अलॉट होता है तो कर्मचारियों के साथ ऐसी ही समस्या आती है। पिछले चार माह से मानदेय भी नहीं मिला है। पिछले दस- दस वर्षोसे कर्मचारी यहां अस्पताल में कार्य कर रहे है। ऐसे में अब हम कहां जाएं। उनका अस्पताल प्रशासन से यही अनुरोध है कि जितने भी कर्मचारी पिछले समय से कार्य कर रहे है। उन्हें ही रोजगार दिया जाए। किसी कर्मचारी को हटाया नहीं जाए।
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अभी तक हमारे पास ऐसी सूची नहीं आई है। जिसमें कर्मचारियों को हटाए जाने की बात कही गई हो। कर्मचारियों की मांगों को सिविल सर्जन के समक्ष भेज दिया गया है। व्यवस्थाएं प्रभावित नहीं हो, इसके लिए नियमित स्टाफ की ड्यटियां लगा दी गई है। जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा।
डा. सुनील नरवाल, नोडल ऑफिसर, नागरिक अस्पताल।