शहरी क्षेत्र में रजिस्ट्री कराने से पहले देना होगा प्रापर्टी टैक्स व विकास शुल्क
शहरी क्षेत्र में अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले उसका प्रापर्टी टैक्स विकास शुल्क व यूजर चार्ज आदि शुल्कों का भुगतान करना होगा। इसके लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से अपने पोर्टल पर शहरी क्षेत्रों का डाटा अपलोड किया जा रहा है। विभाग ने नगर परिषद बहादुरगढ़ से भी प्रापर्टी टैक्स व विकास शुल्क का पूरा डाटा हर प्रापर्टी आइडी के साथ मांगा है। साथ ही विभाग के मुख्यालय में दो दिन तक अधिकारियों की हुई बैठक में रजिस्ट्री कराने से पहले प्रापर्टी टैक्स व विकास शुल्क लेने के लिए विचार-विमर्श भी किया गया है। इतना ही नहीं वैध कालोनियों के खसरा नंबर किला नंबरों व शहर की वर्तमान प्रापर्टी आइडी की पूरी डिटेल भी मांगी गई है। विभाग का मंतव्य है कि जिस भी जमीन की रजिस्ट्री होगी उसी दौरान ही रजिस्टर्ड होने वाली प्रापर्टी आइडी का हर तरह का टैक्स व शुल्क जमा करा लिया जाए जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहरी क्षेत्र में अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले उसका प्रॉपर्टी टैक्स, विकास शुल्क व यूजर चार्ज आदि शुल्कों का भुगतान करना होगा। इसके लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से अपने पोर्टल पर शहरी क्षेत्रों का डाटा अपलोड किया जा रहा है। विभाग ने नगर परिषद बहादुरगढ़ से भी प्रॉपर्टी टैक्स व विकास शुल्क का पूरा डाटा हर प्रॉपर्टी आइडी के साथ मांगा है। साथ ही विभाग के मुख्यालय में दो दिन तक अधिकारियों की हुई बैठक में रजिस्ट्री कराने से पहले प्रॉपर्टी टैक्स व विकास शुल्क लेने के लिए विचार-विमर्श भी किया गया है। इतना ही नहीं वैध कालोनियों के खसरा नंबर, किला नंबरों व शहर की वर्तमान प्रॉपर्टी आइडी की पूरी डिटेल भी मांगी गई है। विभाग का मंतव्य है कि जिस भी जमीन की रजिस्ट्री होगी, उसी दौरान ही रजिस्टर्ड होने वाली प्रॉपर्टी आइडी का हर तरह का टैक्स व शुल्क जमा करा लिया जाए, जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके। साथ ही अवैध कालोनियों में होने वाली रजिस्ट्रियों पर भी रोक लग सके। जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए 15 दिन पहले करना होगा आवेदन
शहरी क्षेत्र में अगर कोई व्यक्ति किसी जमीन की रजिस्ट्री कराएगा तो उसे 15 दिन पहले आवेदन करना होगा। तहसील कार्यालय के माध्यम से मिले इस आवेदन पर नगर परिषद को तुरंत संबंधित प्रापर्टी का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन ही पता चल जाएगा। अगर किसी जमीन की प्रॉपर्टी आइडी नहीं है तो नगर परिषद की ओर से उसकी नई आइडी बनानी होगी। साथ ही आवेदक को तीन साल का प्रापर्टी टैक्स भी एकमुश्त जमा कराना होगा। प्रॉपर्टी आइडी बनने व तीन साल का टैक्स जमा कराने के बाद ही नगर परिषद की ओर से ऑनलाइन एनओसी जारी की जाएगी। तभी संबंधित प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होगी, वरना नहीं। वहीं किसी प्रॉपर्टी की आइडी है और दस साल पुराना प्रॉपर्टी टैक्स भी बकाया है तो उसे वह भी जमा कराना होगा।
शहर की 66693 प्रॉपर्टी का ब्योरा
रिहायशी:
प्लाट साइज वर्ग गज संख्या
0-300 36435
301-500 1580
501-1000 366
1000 से अधिक 175 वाणिज्यिक:
0-50 3157
51-100 905
101-150 558
151-200 419
200 से अधिक 914 खाली प्रॉपर्टी:
0-300 17851
301-500 1924
501-1000 800
1000 से अधिक 479
--------------- 2014 में स्वीकृत हुई थी ये 26 कालोनियां
आनंद नगर, बलजीत नगर, बैंक कालोनी, बरहानिया कालोनी, भगत सिंह कालोनी, भगवान नगर, बिहार कालोनी, छोटूराम नगर-1, छोटूराम नगर-2, देव नगर-2, डीआइजी कालोनी-2, दुर्गा कालोनी, कश्मीरी कालोनी, मामन विहार-2, मयूर विहार, नेताजी नगर-2, प्रीत विहार, सैनिक नगर-2, शक्ति नगर-2, शास्त्री नगर-2, श्याम कालोनी, सुभाष नगर-2, सूरत नगर-2, विकास नगर-2व विकास नगर-3। 2018 में स्वीकृत हुई थी ये 7 कालोनियां
छोटूराम नगर एक्सटेंशन-1, छोटूराम नगर एक्सटेंशन-2, जेई कालोनी, सुभाष नगर न्यू एक्सटेंशन, बैंक कालोनी एक्सटेंशन-1 व 2, शक्ति नगर एक्सटेंशन -2, मामन विहार एक्सटेंशन। ये हैं विकास शुल्क की दर
- पुरानी कालोनियों में रिहायशी क्षेत्र के 120 रुपये प्रति वर्ग गज
- वर्ष 2014 में स्वीकृत हुई कालोनियों 50 रुपये प्रति वर्ग गज
- वर्ष 2018 में स्वीकृत हुई कालोनियों में 240 रुपये प्रति वर्ग मीटर या कलेक्टर रेट का 5 फीसद में जो भी ज्यादा हो। वर्जन...
विभाग की ओर से प्रॉपर्टी आइडी के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स, यूजर चार्ज व विकास शुल्क की जानकारी मांगी गई है। इसे फार्मेट में तैयार करवाया जा रहा है। बहुत जल्द ही यह जानकारी विभाग के मुख्यालय को भेज दी जाएगी। भविष्य में शहरी क्षेत्र में जो भी रजिस्ट्री होगी, संबंधित प्रापर्टी का टैक्स व सभी शुल्क जमा कराने के बाद ही उसका पंजीकरण होगा। सरकार के आदेश पर विभाग मुख्यालय इसकी तैयारी कर रहा है।
-अपूर्व चौधरी, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, बहादुरगढ़।