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ओवर ब्रिज के निर्माण से पहले 416 पेड़ और 530 पौधों की कटाई का कार्य शुरू, सुविधा से पहले हरे पेड़ों पर चल रहीं कुल्हाड़ी

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहरवासियों और आसपास क्षेत्र के लोगों को जाम से निजात दिलाने के

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 01:40 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 01:40 AM (IST)
ओवर ब्रिज के निर्माण से पहले 416 पेड़ और 530 पौधों की कटाई का कार्य शुरू, सुविधा से पहले हरे पेड़ों पर चल रहीं कुल्हाड़ी
ओवर ब्रिज के निर्माण से पहले 416 पेड़ और 530 पौधों की कटाई का कार्य शुरू, सुविधा से पहले हरे पेड़ों पर चल रहीं कुल्हाड़ी

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहरवासियों और आसपास क्षेत्र के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए झज्जर-कोसली मार्ग पर बने रेलवे फाटक पर बनने वाले ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। जिसके चलते पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा वन विभाग से अनुमति लेते हुए 416 हरे पेड़ और 530 पौधों की कटाई की जा रही हैं। कटने वाले हरे पेड़-पौधों का दायरा करीब एक किलोमीटर क्षेत्र में है।

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भविष्य की सुविधा को देखते हुए यहां पर हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही हैं। हालांकि विभागीय स्तर पर जुड़ी हुई इकाइयों का कहना है कि आने वाले दिनों में जो भी कटाई हो रही है, भरपाई कर ली जाएगी। जबकि स्थानीय लोगों का कुछ इस तरह से भी कहना है कि एक तरफ जहां सहूलियत मिलने जा रही है तो दूसरी ओर पर्यावरण को भी चोट पहुंच रही है। उल्लेखनीय है कि इस ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए 16 करोड़ रुपये की लागत आएगी और निर्माण में दो वर्ष का समय लगेगा। बॉक्स :

शहर के प्रमुख रास्तों से होकर गुजर रही रेलवे-लाइन के फाटक बंद होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। इसी जाम से निजात पाने के लिए खेड़ी-खुमार और कोसली रोड पर अभी ओवर ब्रिज बनाने का कार्य किया जा रहा है। वहां पर वाहनों का आवागमन ज्यादा है। ऐसी स्थिति में भविष्य की व्यवस्था को ध्यान में रखें तो बेशक ही ओवर ब्रिज का निर्माण यहां से गुजरने वाले लोगों को राहत प्रदान करने का काम करेगा। बॉक्स :

गांव खेड़ी-खुमार के फाटक पर ओवर ब्रिज का कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते मार्ग बाधित है। वाहन चालकों को गांव खातीवास, एमपी माजरा, जहाजगढ़ सहित अन्य गांवों में जाने के लिए तलाव और ग्वालिसन मार्ग से जाना पड़ रहा है। जिसके चलते इन मार्गो पर ट्रेफिक बढ़ गया है। इसके अलावा रेवाड़ी मार्ग पर वाहनों का दबाव बनेगा और शहर में भी जाम की स्थिति भी उत्पन्न होगी। लेकिन विकास के लिए होने वाली इस परेशानी को तो सभी को मिलजुल कर उठाना ही पड़ेगा। प्रतिक्रिया :

रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए एक किलोमीटर के दायरे में लगे 416 हरे पेड़ और 530 पौधों की कटाई करने की अनुमति आधिकारिक तौर पर विभाग से ली गई है। बेशक ही काटे जाने वाले इन पेड़-पौधों की भरपाई करने के लिए दूसरी जगह पेड़-पौधे लगाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि संतुलन बना रहे। विभाग पर्यावरण को लेकर गंभीर है। चूंकि यहां निर्माण होना भी जरूरी है। इसलिए सिर्फ उसी क्षेत्र से पेड़-पौधों को चयनित किया गया है जो कि जरूरी है।

सुदंर सांभरिया, जिला वन अधिकारी। दो साल में तैयार होगा ओवरब्रिज

रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए टे¨स्टग और पेड़ों की कटाई का कार्य शुरू करवा दिया गया है। ओवर ब्रिज निर्माण में कुल 16 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जबकि निर्माण की समय सीमा दो वर्ष निर्धारित की गई है। चालकों के लिए होगी वैकल्पिक व्यवस्था

इस मार्ग पर जाने वाले वाहन चालकों की सुविधा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी। तैयार किए गए डिजाइन के मुताबिक इतना समय लगने का अनुमान है। फिर भी प्रयास रहेगा कि कार्य बेहतर और समय सीमा से पहले पूरा हो।

विरेंद्र मलिक, कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी विभाग।


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