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अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं मेट्रो से सीधा जुड़ेगा बाढ़सा, आज प्रधानमंत्री एनसीआइ करेंगे आमजन को समर्पित

जागरण संवाददाता, झज्जर : देश के सबसे बड़े बाढ़सा स्थित कैंसर अस्पताल-नैशनल कैंसर इंस्टीट्

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:35 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं मेट्रो से सीधा जुड़ेगा बाढ़सा, आज प्रधानमंत्री एनसीआइ करेंगे आमजन को समर्पित
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट एवं मेट्रो से सीधा जुड़ेगा बाढ़सा, आज प्रधानमंत्री एनसीआइ करेंगे आमजन को समर्पित

जागरण संवाददाता, झज्जर : देश के सबसे बड़े बाढ़सा स्थित कैंसर अस्पताल-नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआइ) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार से आमजन को समर्पित करेंगे। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से बटन दबाकर वीडियो कांफ्रे¨सग के माध्यम से होने वाले उद्घाटन के बाद संस्थान में सभी कार्य सुचारु रूप से शुरू हो जाएंगे। वैसे तो 18 दिसंबर से यहां ट्रायल ओपीडी शुरू कर दी गई थी। बाद में 14 जनवरी से मरीजों को एडिमट किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बुनियादी उपकरण इंस्टॉल किए जा चुके हैं। करीब 2035 करोड़ रूपये की लागत से तैयार यह पिछले कई दशकों में भारत का सबसे बड़ा पब्लिक फंड से बना हॉस्पिटल प्रॉजेक्ट है। हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के मरीजों को यहां स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। सोमवार को कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, उपायुक्त सोनल गोयल सहित अन्य अधिकारियों ने यहां तैयारियों का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं। ताकि प्रधानमंत्री के हाथों होने वाले उद्घाटन समारोह को यादगार बनाया जा सके। कुछ इस तरह से होगा कार्य

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14 जनवरी से पहले चरण के तहत मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। मार्च 2019 तक यहां रेडिएशन ओनकोलॉजी तथा न्यूकलीयर मेडीसीन की सुविधा भी मिलने के साथ ओपीडी और 250 बेड भी मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे। उसके बाद दिसंबर 2019 में इंडोर एडमिशन को 500 बेड तक के लिए बढ़ा दिया जाएगा। इसके एक साल के बाद 2020 में यह पूरी तरह से संचालित होने लगेगा। पहले चरण के लिए 634 डाक्टर, नर्स और टेक्नीसिएंस चाहिए, जिनमें से 110 को नियुक्त कर लिया गया है। शेष को नियुक्त करने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। एनसीआइ एम्स के कैंसर अस्पताल का बोझ बांटने का काम करेगा। एम्स में औसतन प्रतिदिन 1300 मरीज पहुंचते हैं। जबकि चिकित्सकों एवं आधारभूत सुविधाओं के अभाव में 600 मरीजों का चैक-अप और ईलाज ही हो पाता है। जबकि 700 को ईलाज नहीं मिल पाता। ऐसे में इन सहित अन्य मरीजों को भी समयानुसार सस्ता और बेहतर ईलाज मुहैया हो सके, कारण ही यहां पर आए है। दोनों परिसरों के बीच सेवाओं का समन्वय करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ-साथ अन्य प्लॉन भी किए जा रहे हैं। दोनों की क्नैक्टिविटी होने के साथ-साथ यूनिक आईडी भी मुहैया कराई जाएगी। जैसा कि सुविधाएं और तैयारियां दिख रही है। स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि वर्ष 2020 तक यहां मरीज मुख्य रूप से पहुंचने लगेंगे। तकनीक के मामले में सबसे बेहतर होगा संस्थान

कैंसर रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। लोग कैंसर के नाम से डरने लगे हैं। जबकि इसका ईलाज और बचाव दोनों ही मौजूद है। जरूरत है तो जागरूक होने की। ऐसे में यहां पर मरीजों को बेहतर ईलाज मुहैया कराने के साथ-साथ कैंसर की रोक को ध्यान में रखते हुए रिसर्च का कार्य भी शुरू किया जाना है। जिसके लिए हर स्तर पर तैयारियां व्यापक स्तर पर की जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्वाधिक कैंसर तंबाकू के इस्तेमाल से ही होता है। मुख्य स्थानों पर पाबंदी की घोषणा के बाद भी इसे धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। ऐसे में जब तक नियम-कानून का सही कार्यान्वयन नहीं होता, तब तक कैंसर के खिलाफ जंग आसान नहीं हो सकती। इसलिए जरूरी है कि ईलाज प्राप्त करने के साथ ही जागरूक रहकर इसका मुकाबला किया जाए। बहरहाल, कहा जा सकता है वर्ष 2020 तक एक बार पूरी तरह से संचालित होने पर एनसीआइ पूरे देश में कैंसर केयर के लिए एक नोडल संस्थान के रूप में काम करेगा। कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि बाढ़सा क्षेत्र को हमने आरोग्य धाम बनाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के साथ लगने वाला देवरखाना गांव राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान भी निर्माणाधीन है। चिकित्सा क्षेत्र के दो बड़े संस्थान शुरू होने से निश्चित रूप से बाढ़सा आरोग्य धाम मेडिकल टूरिज्म के हब के रूप में विकसित होगा। सरकार बाढ़सा आरोग्य धाम को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट व मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से भी जोड़ने की योजना बना रही है। ताकि देश-विदेश के मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो। कृषि मंत्री ने कहा कि आरोग्य धाम मेडिकल टूरिज्म के रूप में विकसित होने से स्थानीय हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया करवाएगा। यह रहेंगे मुख्य रूप से मौजूद

कृषि मंत्री ने बताया कि बाढ़सा में केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, प्रदेश के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, जनस्वास्थ्य मंत्री डा. बनवारी लाल, सांसद धर्मबीर, विधायक नरेश कौशिक, विधायक बिक्रम ठेकेदार, विधायक औम प्रकाश, विधायक डा. रणधीर कापड़ीवास, विधायक सुख¨वद्र श्योराण, विधायक अभय सिहं यादव, विधायक राशिस खान, विधायक तेजपाल तंवर पहुंचेंगे। सोमवार को संस्थान में तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे कैबिनेट मंत्री के साथ चेयरमैन लीलू पहलवान, वाइस चेयरमैन योगेश सिलानी, विनोद भटेड़ा, तेजपाल लुहारी, पवन छिल्लर, बिजेंद्र मांडौठी, नरेंद्र कुकडौला, भीष्मपाल कुलाना, सतबीर यादव, प्रेम सुबाना, राय¨सह, प्रकाश माजरा, उपेंद्र बाबेपुर, नेत्रपाल , निरंजन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

2020 तक मिलेंगी यह मुख्य सेवाएं

- 25 अत्याधुनिक ओटी

- 2 एमआरई स्कैनर

- 4 पीईटी स्कैनर

- 3 ब्रीचोथैरोपी

- 5 लीनियर एक्सीलेटर

- टारगेट एक साल में 5 लाख मरीजों का ईलाज

- 20 बेडिड न्यूकलीयर मेडीसीन

- 14 पीआइ लैब

- एशिया की पहली आटोमेटिड कोरलैब

- देश के पब्लिक सेक्टर अस्पताल में पहली प्रोटोन सुविधा

- 60 इंसेटिव केयर बेडस

- ओनकलोजी आपातकालीन सेवाएं

- 40 बेडिड पेलीएटिव केयर यूनिट


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