Move to Jagran APP

रात भर होती रही गोवर्धन पूजा की तैयारी, सुबह से शुरू हुए भंडारे

जागरण संवाददाता, झज्जर : बृहस्पतिवार को जिला भर में गोवर्धन पर्व एवं श्री विश्वकर्मा पूजन बड़े

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 12:11 AM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 12:11 AM (IST)
रात भर होती रही गोवर्धन पूजा की तैयारी, सुबह से शुरू हुए भंडारे
रात भर होती रही गोवर्धन पूजा की तैयारी, सुबह से शुरू हुए भंडारे

जागरण संवाददाता, झज्जर :

loksabha election banner

बृहस्पतिवार को जिला भर में गोवर्धन पर्व एवं श्री विश्वकर्मा पूजन बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। जिला मुख्यालय सहित बेरी, बादली, बहुझोलरी, छुछकवास, माछरौली, मातनहेल, साल्हावास आदि गांवों में स्थित विभिन्न मंदिरों में गोवर्धन पर्व एवं अन्नकुट महोत्सव को श्रद्धापूर्वक मनाते हुए पूजा अर्चना की गई। विभिन्न स्थानों पर हवन यज्ञ के साथ हुए इस आयोजन में 56 भोगों का प्रसाद वितरित किया गया। मंदिरों में भजन कीर्तन एवं अन्य आयोजन भी हुए। जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्तिरस में डूबते हुए भगवान के नाम का स्मिरन किया।

शहर में स्थित मंदिरों के अलावा सामूहिक रुप से भगवान श्री कृष्ण में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं ने विभिन्न स्थानों पर भंडारा लगाते हुए प्रशाद वितरित किया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रशाद ग्रहण किया। वहीं अनेक स्थानों पर गोबर के गोवर्धन बनाए गए।

दीपावली का पूजन होने के बाद ही शहर में स्थित विभिन्न मंदिरों में भक्तजन अपनी तैयारियों में जुटे गए थे। जबकि कुछेक स्थानों पर बृहस्पतिवार सुबह होने से प्रसाद बनाने की तैयारियां शुरु की गई। करीब 11 बजे से भगवान का भोग लगाकर भक्तों ने अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया। शहर के बाबा प्रशाद गिरी, मंदिर बाबा बूढ़ा महादेव, मेन बाजार स्थित हनुमान मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर, मंदिर बाबा कांशी गिरी जी, श्री गिरी राज जी मार्केट, डाबरा मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, श्री राम मंदिर, विभिन्न गोशालाओं सहित अन्य मंदिरों में अन्नकूट पर्व धूमधाम से मनाया गया। जबकि शहर में अनेक स्थानों पर भंडारों व प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।

--------

पंडित वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि गोकुल में जब इन्द्र देवता ने घमंड में आकर अपने निहित भोग नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताते हुए मूसलाधार बरसात शुरूआत करा दी थी तो भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर गोकुल वासियों की उस बरसात से रक्षा की थी। उसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण के निमित विशाल अन्नकुट बनना शुरू हुआ और तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि दीवाली से अगले दिन गोवर्धन की पूजा से पूर्व अन्नकूट बनाया जाता है जिसमें सभी भक्तों की ओर से सामूहिक रुप से दिए जाने वाले अन्नदान को इकट्ठा कर भंडारे का आयोजन किया जाता है। परंपरा के अनुसार शुक्रवार को शहर के सभी मंदिरों में विशाल भंडारे लगाए गए। जिसमें हजारों भक्तों ने विभिन्न स्थानों पर अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया। उनका कहना है कि इसे नई फसल के घर में आने के शगुन के रूप में किया जाता है। यहां-यहां भी हुए कार्यक्रम

भगवान श्री विश्वकर्मा जी को दस्तकारों, कारीगरों तथा उद्योगपतियों ने श्रद्धा के साथ याद किया और प्रात:काल हवन-यज्ञ के उपरांत अनेक स्थानों पर भंडार तथा प्रसाद वितरण के कार्यक्रम हुए। विश्वकर्मा मंदिर के कार्यक्रम में जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष मनमोहन जांगिड की अगुवाई में समाज से जुड़े लोगों के अन्य भी मुख्य रूप से मौजूद रहे। बेरी में विश्वकर्मा धर्मशाला में हवन यज्ञ उपरांत भंडारे का आयोजन हुआ। राज्य परिवहन विभाग की वर्कशॉप में भी कारीगरों ने आज मशीनों व औजारों की पूजा की और पूजा के बाद कारीगरों व मिस्त्रियों ने रिपेयर का काम भी नहीं किया। मिस्त्रियों ने दुकानें दिन भर बंद रखीं। झज्जर के बेरी गेट स्थित शिव मंदिर में भी विश्वकर्मा जयंती दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यहां आयोजित भंडारे में समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.