Move to Jagran APP

बाढ़सा एम्‍स में कैंसर के टिशू के उद्गम स्थान का लगाया जा सकेगा पता, पूरे अंग को निकालने की नहीं पड़ेगी जरूरत

बाढ़सा कैंपस में मेडिकल इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए तकनीक विकसित होगी जिससे कैंसर के टिशू के उद्गम का स्थान का पता लगाया जा सकेगा और उसके बाद शरीर में कैंसर से ग्रस्त पूरे अंग को निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Mon, 21 Nov 2022 10:01 AM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2022 10:01 AM (IST)
नई तकनीक से शरीर में कैंसर से ग्रस्त पूरे अंग को निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी

संवाद सूत्र, बादली : जिला के गांव बाढ़सा में लगभग 50 एकड़ भूमि पर आईआईटी दिल्ली का एक्सटेंशन सेंटर स्थापित होगा। यही नहीं, इस कैंपस में मेडिकल इमेजिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए तकनीक विकसित होगी, जिससे कैंसर के टिशू के उद्गम का स्थान का पता लगाया जा सकेगा और उसके बाद शरीर में कैंसर से ग्रस्त पूरे अंग को निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

loksabha election banner

इसके अलावा आईआईटी दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से समय-समय पर आवश्यक नई तकनीक खोजने के लिए कैंपस में काम होता रहेगा। उदाहरण के तौर पर डेंटल इंप्लांट्स, बुजुर्गों में हिप प्रोटेक्शन डिवाइस लगाने प्रोस्थेटिक घुटने के ज्वाइंट आदि।

वहीं, कैंपस के निर्माण, एकेडमिक प्रोग्राम तथा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के मरीजों पर फोकस करते हुए रिसर्च और डिजाइन फैसिलिटी आदि विकसित करने में लगभग 3 वर्ष का समय लगेगा। इस सेंटर में आर एंड डी फैसिलिटी, स्टार्ट अप, अन्य बीमारियों के लिए विस्तार के कार्य आदि में 3 से 5 वर्ष का समय लग सकता है।

बता दें कि इस सेंटर की स्थापना को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में आईआईटी दिल्ली के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव बाढ़सा में आईआईटी दिल्ली के एक्सटेंशन सेंटर की स्थापना को मंजूरी दी और आईआईटी दिल्ली की टीम को आश्वस्त किया कि इस मामले में हरियाणा सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी।

उन्होंने कहा कि बाढ़सा में स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान से मिलने वाले मरीजों के डाटा और स्वास्थ्य विज्ञान का आईआईटी दिल्ली की टेक्नोलाजी के समावेश से नई हेल्थ केयर प्रौद्योगिकियां विकसित होंगी। इससे मरीजों के साथ-साथ खिलाड़ियों को भी लाभ मिलेगा। इस कैंपस में एमएससी, पीएचडी के अलावा विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट कोर्स भी करवाए जाएंगे। इन विशेष कोर्सों और ट्रेनिंग प्रोग्राम से युवाओं की स्किलिंग होगी और स्थानीय युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.