कलोई गांव में पशुपालकों के मन में समाए डर का नहीं हो पा रहा समाधान
जागरण संवाददाता, झज्जर : गांव कलोई के पशुपालकों की ¨चता कम होने का नाम नहीं ले रही ह
जागरण संवाददाता, झज्जर : गांव कलोई के पशुपालकों की ¨चता कम होने का नाम नहीं ले रही है। बृहस्पतिवार देर शाम एक और पशुपालक की भैंस बीमारी के चलते मर गई है। जिसके चलते पशुपालकों के मन में डर और अधिक बढ़ गया है। पशुपालकों को अब यह समझ नहीं आ रहा है कि समस्या का समाधान किस तरह होगा। पशुओं के वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है। जिसके चलते ग्रामीणों की ¨चता और अधिक बढ़ गई है। पशुपालक प्रेम ने बताया कि गांव में प्रतिदिन मरने वाले पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। बृहस्पतिवार को भी एक और पशुपालक की भैंस मर गई है। जबकि संजय नाम के
पशुपालक की भैंस की हालत भी ज्यादा खराब है। प्रतिदिन हजारों रुपयों की दवा देने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। पशु भी मर रहे और रुपये भी खर्च हो रहे है। पशुपालकों पर दोहरी मार पड़ रही है। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को भी समस्या के बारे में बताया गया है। लेकिन मंत्री के स्तर पर भी कोई कार्यवाही की गई है। गांव में नहीं तो कोई चिकित्सकों की टीम आई है और ना ही बीमा एजेंसी। पशुपालकों की तो रातों की नींद उड़ी हुई है। --कलोई गांव में बनी पशुओं की समस्या के कारण पिछले 15 दिनों में 22 पशुओं की मौत हो चुकी है। साथ ही एक अन्य पशु की मौत से ग्रामीणों की ¨चता बढ़ने लगी है। जबकि विभाग के स्तर अभी टीम का गांव में नहीं पहुंचना ¨चता का सबब बनता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इतना बड़ा विषय हो जाने के बाद विभाग के स्तर पर पुख्ता कदम उठाया जाना चाहिए। ताकि समाधान संभव हो सके। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हो पाना उन्हें अखर रहा है।