हड़ताल के पहले दिन 65 फीसद कर्मचारी रहे हड़ताल पर, दिखा आंशिक असर
जागरण संवाददाता, झज्जर: अपनी मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के पहले दिन 6
जागरण संवाददाता, झज्जर: अपनी मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के पहले दिन 65 फीसद कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। पंचकर्मा और आयुष विभाग को छोड़कर अन्य विभागों में सेवाएं अन्य दिनों की तर्ज पर सामान्य ही चलती रही। एम्बुलेंस सेवा प्रभावित नहीं हो, इसके लिए सिविल सर्जन और ठेकेदार के मार्फत लगे चालकों की तैनाती की गई। इससे पूर्व सुबह नौ बजे से ही एनएचएम कर्मचारी नागरिक अस्पताल परिसर में धरना स्थल पर पहुंचना शुरू हो गए। करीब दोपहर इनकी संख्या तीन सौ से अधिक हो गई। कर्मचारियों ने धरनास्थल पर दिनभर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सरकार पर वायदा खिलाफी करने का आरोप लगाया। कर्मचारियों का कहना हैं कि सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है और उनकी जायज मांगे भी पूरी नहीं कर रही हैं। जिसके चलते कर्मचारियों में रोष भी बना हुआ है। खास बात यह रही कि धरनास्थल पर पुरूष कर्मचारियों के अलावा महिला कर्मचारियों की संख्या अधिक रही। हड़ताल के पहले दिन जिले भर में तैनात कर्मचारियों में से 313 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। ----आयुष और पंचकर्मा विभाग के बाहर लटके रहे ताले एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के पहले दिन आयुष और पंचकर्मा विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यटी पर नहीं पहुंचें। जिसके चलते दोनों विभागों के कमरों के बाहर ताले लटके रहे। यहां आने वाले मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। आयुष विभाग में एलर्जी की दवाई लेने पहुंचे सोनू पुत्र धर्मपाल निवासी गांव जहांगीरपुर ने बताया कि रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवा लिया है। यहां डॉक्टर के पास दवाई लेने के लिए पहुंचते हुए पाया कि कमरे को ताला लगा हुआ है। करीब आधे घंटे से इंतजार कर रहा हूं। अब पता चला है कि कर्मचारी हड़ताल पर है। जिसके चलते परेशानी हो रही है। सीएचसी वाईज हड़ताली कर्मचारियों की संख्या:
सीएचसी कर्मचारियों की संख्या
बादली 39
छारा 08
डीघल 25
ढाकला 41
दूबलधन 28
नागरिक अस्पताल झज्जर 25
नागरिक अस्पताल बहादुरगढ़ 36
नागरिक अस्पताल बेरी 12
जमालपुर 38
सिविल सर्जन कार्यालय 10
अर्बन हेल्थ सेंटर 43
आयुष विभाग 08 प्रमुख मांगे:
- नियमित करना या सेवा सुरक्षा।
- सेवा नियम में संशोधन किया जाए।
- सातवां वेतनमान का लाभ दिया जाए।
- आउटसोर्सिंग प्रथा पर रोक लगाई जाए।
- आउटसोर्सिंग पर किए गए स्टाफ को एनएचएम में समायोजित किया जाए।
- जिन एनएचएम कर्मचारियों को सेवा नियम का लाभ नहीं दिया गया, उन्हें भी सेवा नियम में शामिल किया जाए।
- नियमित कर्मचारियों की भांति सभी भत्ते दिए जाएं।
- कर्मचारियों को वरिष्ठता का लाभ दिया जाए।
- पिछली हड़ताल के दौरान कर्मचारियों का रुका हुआ वेतन दिया जाए। ----सरकार कर्मचारियों की जायज मांगे भी पूरी नहीं कर रही हैं। जिसके चलते कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल करने के लिए मजबूर हुए है। जब तक एनएचएम कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं की जाती। कर्मचारी हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
---मंजू आर्या, एनएचएच यूनियन जिला प्रधान।