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अब किसानों को नहीं होगी पराली भंडारण की चिता

अब किसानों को पराली के भंडारण की चिता करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए वे पंचायती जमीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसे लेकर पंचायतों को भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई किसान पराली डालना चाहे तो उसे पंचायती जमीन उपलब्ध करवानी होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 06:00 AM (IST)
अब किसानों को नहीं होगी पराली भंडारण की चिता
अब किसानों को नहीं होगी पराली भंडारण की चिता

जागरण संवाददाता, झज्जर : अब किसानों को पराली के भंडारण की चिता करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए वे पंचायती जमीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसे लेकर पंचायतों को भी निर्देश दिए गए हैं, कि यदि कोई किसान पराली डालना चाहे तो उसे पंचायती जमीन उपलब्ध करवानी होगी। ताकि किसानों को पराली नहीं जलानी पड़े। साथ ही जो पराली पंचायती जमीन पर डाली जाएगी, उसके प्रबंधन की जिम्मेदारी भी पंचायतों को दी गई है। इसके बाद किसानों को पराली भंडारण की चिता करने की जरूरत नहीं। 150 गांवों पर कृषि विभाग का फोकस

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कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिला के करीब 150 गांव ऐसे हैं, जहां पर धान की अधिक बिजाई होती है। कृषि विभाग भी पराली प्रबंधन को लेकर इन्हीं गांव पर अधिक फोकस रखे हुए है। इस बार करीब साढ़े 38 हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई है। दरअसल, कृषि विभाग भी पराली प्रबंधन को लेकर जागरूक करने के अभियान को चला रहा है। साथ ही पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी समझाया जा रहा है। पराली जलाने से जहां एक तरफ पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं दूसरी तरफ जमीन के सूक्ष्म जीव नष्ट होने के कारण जमीन की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। इसलिए जिन किसानों के खेतों में पराली रहती है और उनके समक्ष पराली डालने की जगह को को लेकर समस्या आती है, उनके लिए सरकार ने कदम उठाया है। उन किसानों को पंचायत द्वारा पराली डालने के लिए जगह दी जाएगी। जिससे किसान को पराली नहीं जलानी पड़ेगी और खेत भी खाली हो जाएगा। इसके बाद किसान अगली फसल की बिजाई करने की तैयारी भी कर सकता है। पराली खरीदने वालों की जानकारी की सार्वजनिक

कृषि विभाग ने पराली प्रबंधन को लेकर जो लोग जिला में पराली खरीदते हैं, उनकी जानकारी सार्वजनिक की जा रही है। जिसके लिए पराली खरीदने वालों का पता व मोबाइल नंबर लिखा बैनर जिला के करीब 150 गांवों में लगाने की कवायद शुरु की गई है। जिससे संबंधित किसान के नंबर पर संपर्क करके क्षेत्र का किसान अपनी पराली को बेच सकता है। इससे किसानों को आय भी मिलेगी। जिनकी पराली नहीं बिकती वे पंचायत से संपर्क करके पंचायती जमीन पर डाल पाएंगे। -सरकार ने सभी पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को पराली डालने के लिए जगह दें। किसान को केवल पराली को पंचायती जमीन पर डालना है। इसके बाद पंचायत को ही उस पराली का प्रबंधन करना होगा। ताकि किसानों को पराली ना जलानी पड़े।

डा. इंद्र सिंह, डीडीए, झज्जर।


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