रात का रिपोर्टर : दिन ढलते ही सुनसान हो रही सड़क
दिन ढलते ही शहर सुनसान होने लगता है। दिन के समय जिन सड़कों पर वाहनों व लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती हैं वहीं रात के समय वे सड़कें बिल्कुल खाली दिखाई देती है।
जागरण संवाददाता, झज्जर :
दिन ढलते ही शहर सुनसान होने लगता है। दिन के समय जिन सड़कों पर वाहनों व लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती हैं, वहीं रात के समय वे सड़कें बिल्कुल खाली दिखाई देती है। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार रात को देखने में आया। जब दैनिक जागरण की टीम ने रात का रिपोर्टर कार्यक्रम के तहत शहर का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकतर सड़कें खाली मिली। कोई एकाध वाहन ही शहर से होकर गुजर रहा था। यही हाल बाजार का रहा। बाजार की सभी दुकानें बंद थी। हालांकि प्रशासनिक आदेशों के चलते शाम को ही दुकानें बंद हो जाती है। रात को नाइट कर्फ्यू के कारण शहर सुनसान दिखाई देता है।
सड़कों पर दिन के समय जहां वाहन घूमते हैं, वहीं रात के समय बेसहारा पशु घूमते नजर आते हैं। बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते हुए आपस में लड़ते रहते हैं और कूड़े में मुंह मारते रहते हैं। इनके पास से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी डर कर निकलना पड़ता है। वाहन चालकों को डर रहता है कि कहीं कोई बेसहारा पशु उन्हें टक्कर ना मार दे। बेसहारा पशुओं की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। शहरवासी भी इस समस्या को कई बार उठा चुके हैं, लेकिन प्रशासन के स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसलिए समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। अनेक बेसहारा पशु विभिन्न चौक-चौराहों पर झुंड में मिलते हैं। इधर, अनाज मंडी की बात करें तो रात के समय मजदूर गेहूं को बारदाने में डालने का काम करते हैं, ताकि सुबह के समय उठान किया जा सके। खासकर आढ़ती खुले आसमान के नीचे पड़े गेहूं को बारदाने में डालकर मंडियों में पहुंचाने का पहले प्रयास कर रहे हैं।