8 दिन बाद दूसरी दफा रईया गांव में धरने को समर्थन देने पहुंचे सांसद दीपेंद्र ¨सह हुड्डा
जागरण संवाददाता झज्जर यहां से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव रईया की जमीन पर
जागरण संवाददाता, झज्जर : यहां से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव रईया की जमीन पर प्रस्तावित महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर के निर्माण को लेकर ग्रामीणों की ओर से किए जा रहे विरोध का समर्थन करने सांसद दीपेंद्र ¨सह हुड्डा पहुंचे। 8 दिन बाद दूसरी दफा, धरने पर पहुंचकर उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ग्रामीणों की समस्या का समाधान निकालने के बाद ही वे प्रोजेक्ट पर आगे बढ़े। आरोप लगाते हुए यह कहा कि सरकार एवं प्रशासन के स्तर पर बगैर सुनवाई के ही लोगों की जायज मांग को दबाया जा रहा है। जो कि किसी भी स्तर पर उचित नहीं है। वे ग्रामीणों की हर जायज मांग के साथ खड़े है। सांसद ने कहा कि आज जिस तरह की परिस्थितियां आन बनी है। वे जनता के समक्ष है। भाजपा की केंद्र सरकार हो या सूबे की सरकार, दोनों ही लोगों को बांटते हुए समाज को नुकसान पहुंचान का काम कर रही है। जिसे वे सिरे से नकारते हैं। जबकि सामाजिक स्तर पर तो सद्भाव की बात को ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए। --- प्रस्तावित बागवानी सेंटर के निर्माण को लेकर विरोध जता रहे ग्रामीणों के एक पक्ष ने नव वर्ष के पहले दिन से धरने पर बैठते हुए कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, गांव के सरपंच आदि के खिलाफ मोर्चा खोला था। विरोध जता रहे पक्ष से जुड़े लोगों का कहना है कि अब मामला सिर्फ मुआवजे और नौकरी तक सीमित नहीं रह गया है। जान बूझकर ऐसी स्थिति पैदा की जा रही है कि जिससे गांव में जाति-पाति का जहर फैलें। गांव के चहुंओर होर्डिंग, बैनर आदि लगाकर ग्रामीणों ने भाजपा से जुड़े नुमाइंदों का विरोध करने की बात करते हुए क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू की हुई है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष जितेन्द्र उर्फ बब्ला का कहना है कि उन्हें 12 खाप का समर्थन मिल चुका है। सेंटर के निर्माण के विषय पर उन्होंने कैबिनेट मंत्री और सरपंच के बीच सांठ-गाठ की बात भी दोहराई। कई दिनों तक चला पंचायतों का दौर : गांव रईया की 105 एकड़ पंचायती भूमि पर बागवानी का रीजनल सेंटर बनाए जाने की घोषणा वर्ष 2016 में हुई थी। पिछले दिनों पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी के बीच जमीन पर कब्जा तो ले लिया गया। लेकिन हुए इस कार्य के बाद ग्रामीण खुलकर विरोध जाहिर करने लगे हैं। कई चरणों में गांव में पंचायत हो चुकी है और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ से ग्रामीणों की बातचीत भी। ठोस समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इधर, धनखड़ खाप के स्तर पर यहां दो प्रधानों ने सामने आते हुए अपना-अपना पक्ष रखा है। जबकि गांव से जुड़ा एक पक्ष इस प्रोजेक्ट के समर्थन में भी है। बने इस माहौल के बीच ही यहां सांसद दीपेंद्र ¨सह हुड्डा ने दोबारा से पहुंचते हुए अपना समर्थन व्यक्त किया है। सांसद के साथ इस मौके पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक नरेश शर्मा, मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमेन नरेश हसनपुर, युवा जिलाध्यक्ष दीपक धनखड़, राव नाहर ¨सह, सुनील जाखड़, जेपी कादियान, राजेश चाहार आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
--- धरना दे रहे लोगों को अब डेढ़ माह से अधिक का समय हो गया है। प्रशासन और सरकार के स्तर पर कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा। सरकार प्रोजेक्ट को रोकते हुए पहले ग्रामीणों की मांग का समाधान निकालें। समाधान के बाद ही आगे बढ़े। ग्रामीणों में रोष है। जिस प्रकार से कदम उठाए गए है, वह असंवेदनशीलता और धक्का प्रवृति को साफ दर्शाता है।
दीपेंद्र ¨सह हुड्डा, सांसद