मांगों को लेकर मिड-डे-मील वर्कर ने किया विरोध प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
मिड-डे-मील वर्करों को 10 महीने की बजाए 12 महीने वेतन दिया जाए
मिड-डे-मील वर्करों को 10 महीने की बजाए 12 महीने वेतन दिया जाए फोटो : 9 जेएचआर 23, 24, 25 जागरण संवाददाता, झज्जर : मिड-डे-मील वर्कर यूनियन की जिला कमेटी ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय पर धरना दिया। धरने की अध्यक्षता राजबाला बिलोचपुरा ने की। मिड-डे-मील वर्कर विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक पहुंची, जहां पर अधिकारियों के खिलाफ भी नारेबाजी की। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने व मांगे पूरी करने के लिए कहा।
धरने के दौरान मिड-डे-मील वर्कर्स यूनियन की राज्य अध्यक्ष सरोज दुजाना ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजेंगे। हरियाणा सरकार से मांग है कि प्रदेश की तमाम मिड-डे-मील वर्करों को 10 महीने की बजाए 12 महीने वेतन दिया जाए। पिछले 4 साल से मिड-डे-मील वर्कर की ड्रेस की राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। ड्रेस की राशि को बढ़ाकर 1200 रुपए किया जाए। मिड-डे-मील वर्करों को 65 वर्ष की आयु तक काम करने की अनुमति देने के साथ मिड-डे-मील वर्करों को स्थाई कर्मचारी बनाया जाए। सेवानिवृत्ति के समय सभी मिड-डे-मील वर्करों को पांच लाख रुपये दिए जाएं। धरने के दौरान सीटू की जिला सचिव किरण बहराना ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी की आड़ में मजदूरों को मिले सभी कानूनों को वापिस ले रही है। सरकार 4 लेबर कोड बनाकर मजदूरों को पूंजीपतियों की गुलामी करने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ये 4 लेबर कोड जो बनाए हैं, उनको तुरंत वापिस लिया जाए। वहीं न्यूनतम मूल्य वेतन में बढ़ोतरी करके तमाम मिड-डे-मील वर्कर को 18 हजार रुपये दिए जाएं। आज देश कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है, इसलिए सरकार जो परिवार आयकर नहीं देते उनको 7500 रुपए प्रतिमाह नगद राशि प्रदान करें। धरने पर सावित्री बादली, निर्मला झज्जर, सुदेश, मंजू, आरती, सुनीता आदि शामिल रही। धरने को सर्व कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता जयपाल गुढ़ा, सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव विष्णु जांगड़ा आदि ने भी संबोधित किया।