उत्साह पूर्वक मनाएं दीपावली, अन्नकूट पर बनेगा अनूठा एवं स्वादिष्ट प्रसाद
जागरण संवाददाता, झज्जर : धनतेरस के बाद दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज भारत में पूरे हषो
जागरण संवाददाता, झज्जर : धनतेरस के बाद दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज भारत में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। सभी दिनों में सभी पर्वों पर अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा की जाती है और सभी से सुख शांति की कामना की जाती है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि दीपावली पर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपावली एवं लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान महालक्ष्मी पूजा कहलाता है। श्रीगणेश, सरस्वती और कुबेर आदि की पूजा करना भी शुभ रहता है। शर्मा के मुताबिक भूमुहूर्त, गोधूलि बेला अथवा स्थिर लग्न, प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का कार्य प्रारंभ करना चाहिए। दुकानों, घरों में फूल माला द्वार पर लगानी चाहिए। एक दीपक शुद्ध देसी घी का पूरी रात भर घर में पूजा स्थान पर जलाना चाहिए। लक्ष्मी जी को अष्टदल कमल बना कर विराजित करना चाहिए। दीपावली की रात्रि को लक्ष्मी के सम्मुख श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त तथा लक्ष्मी स्तत्रादि का पाठ, जप भजन कर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना चाहिए। जहां लक्ष्मी की पूजा हो वहां घंटा नहीं बजना चाहिए। - श्री लक्ष्मी पूजा के लिए स्थिर लग्न, प्रदोष काल, निशीथ काल और महानिशीथ काल होना बहुत अच्छा होता है। इस काल में लक्ष्मी का पूजन करना स्वास्थ्य में सुधार, धन वृद्धि, आर्थिक उन्नति तथा बुद्धि विवेक में वृद्धि करता है।
- दुकान वगैरह के लिए पूजा का मुहूर्त सायं 05:57 से 07:52 तक बेहतर समय है। इसमें बही खाते का नवीनीकरण किया जा सकता है। गृहस्थ लोगों के लिए सबसे उत्तम समय शाम 07:10 से 08:57 तक होगा। इस शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी का पूजन करके लक्ष्मी, धान्या लक्ष्मी, धैर्या लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, सन्तान लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, धन लक्ष्मी और विद्या लक्ष्मी की अनुकम्पा प्राप्त कर सकते हैं।
- रात्रि 11:12 से आधी रात्रि 11:59 तक महानिशीथ काल होगा। इसमें जप अनुष्ठान करना श्री लक्ष्मी, महाशक्ति काली उपासना, यन्त्र तन्त्र तथा तान्त्रिक अनुष्ठान एवं साधनाएं की जाती हैं।
बॉक्स : दीपावली के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को अन्नकूट और गोवर्धन पूजा विशेष उत्साह के साथ मनाया जाएगा। जिला मुख्यालय सहित बेरी, बादली, छुछकवास, मातनहेल, माछरौली, साल्हावास आदि क्षेत्रों में भी इस मौके पर पूजा अर्चना के बाद प्रशाद वितरित किया जाता है। जिसमें कढ़ी, पकौड़ा, बैंगन व मूली की सब्जी, दाल, चावल, बाजरा खिचड़ी मुख्य रूप से प्रशाद के रूप में तैयार की जाती है। अनूठे व स्वादिष्ट प्रसाद के लिए बच्चें, महिलाएं ही नहीं पुरूष भी इंतजार में रहते है। कानूनगो मोहल्ले के प्राचीन शिव मंदिर, बाबा प्रसाद गिरी, मंदिर बाबा बूढ़ा महादेव, मेन बाजार स्थित हनुमान मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर, मंदिर बाबा कांशी गिरी जी, श्री गिरी राज जी मार्केट, डाबरा मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, श्री राम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में अन्नकूट पर कार्यक्रम होंगे। इसके अतिरिक्त भी स्थानीय स्तर पर लोग प्रशाद आदि के भंडारे लगाते है।