धर्म कर्म के साथ हुई दिन की शुरुआत, लाखों रुपये के पतंग-डोर की हुईं बिक्री
जागरण संवाददाता झज्जर वीरवार को धर्मकर्म के साथ मकर सक्रांति के दिन की शुरुआत हुई।
जागरण संवाददाता, झज्जर : वीरवार को धर्मकर्म के साथ मकर सक्रांति के दिन की शुरुआत हुई। सुबह से ही लोगों ने बुजुर्गों का सम्मान करते हुए आशीर्वाद लिया। खासकर महिलाओं ने रीति-रिवाज के साथ मकर सक्रांति मनाई। साथ ही दिवस विशेष पर दान व स्नान का भी विशेष महत्व है। जिसे लेकर भी लोगों ने खुलकर दान दिया। इधर, दिन की शुरुआत में कोसली रोड पर जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए गए। ताकि जरूरतमंदों को इस कंपकंपा देने वाली ठंड से राहत दिलाने के लिए कंबल सहारा बन सकें।
सूर्यदेव ने किया उत्तरायण में प्रवेश : मकर सक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। इसलिए धार्मिक रूप से यह दिन काफी विशेष होता है। उत्तरायण के दिन सूर्य देव ने काफी देर से दर्शन दिए। सुबह के समय क्षेत्र में काफी धुंध छाई रही। ²श्यता भी बहुत कम होने के कारण वाहन चालकों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। तेज रफ्तार में दौड़ने वाले वाहन रेंगते नजर आए। वहीं ठंड ने भी लोगों को जमकर कंपकंपाया। धुंध के चलते उत्तरायण के दिन सूर्य देव ने भी देरी से दर्शन दिए। हर किसी ने मकर सक्रांति के पर्व पर एक-दूसरे के जीवन में आरोग्य, खुशहाली व समृद्धि की दुआ की। प्रदीप शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति के अवसर पर नई फसल आते ही किसानों के घर खुशहाली छा जाती है। शीत ऋतु की विदाई का संकेत देने वाला यह त्योहार नई ऊर्जा और उत्साह का उत्सव बन जाता है। गौर करें, तो प्रकृति में सदैव उत्सव चल रहा होता है। पेड़-पौधों पर विभिन्न रंग के फूल हर दिन खिल रहे होते हैं, पुराने पत्तों की जगह नई कोंपलें ले रही होती हैं। इस उत्साह और ऊर्जा से ही हमारे जीवन में हर दिन, हर क्षण नवविचार का संचार होता है।
युवाओं में पतंगबाजी का दिखा विशेष उत्साह : मकर सक्रांति पर क्षेत्र में पतंगबाजी का विशेष उत्साह देखने को मिला। वीरवार को सुबह से ही युवा अपनी-अपनी छतों पर पहुंच गए। युवाओं ने जमकर पतंगबाजी की। जिसके लिए वे पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटे थे। मकर सक्रांति के पहले ही पतंगों को खरीदकर रख लिया था। इसकी एक झलक बुधवार शाम को दिखाई दी थी। जब पतंगों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ दिखाई दी। ताकि वे मकर सक्रांति के दिन जमकर पतंग उड़ा सकें। बता दें कि मकर सक्रांति त्योहार पर पतंग उड़ाने की परंपरा दशकों पुरानी है। मांझे और पतंग की जोड़ी से हुनर दिखाना लोगों को बेहद पसंद है। बच्चों से लेकर युवाओं में पतंगबाजी का जोश भरने के लिए बरेली का मांझा, दिल्ली की पतंग आदि की सबसे ज्यादा डिमांड देखने को मिली। इधर, सिलानी गेट क्षेत्र से पतंग व्यापारी सुमित और शेर सिंह ने बताया कि उनके यहां बड़ी पतंगों की खास डिमांड होती है। 300 रूपये में बिकने वाली एक पतंग की बुकिग की गई थी। बॉक्स : आजकल की व्यस्त जीवनशैली के कारण अब लोगों का पतंग की तरफ रुझान कम होता जा रहा है। अब बच्चे तथा युवा स्मार्ट फोन व कंप्यूटर को अपना अधिक समय देना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को पतंगों की तरफ प्रेरित करना साल दर साल चुनौती बनता जा रहा है। दुकानदार इस कोशिश में जुटे हैं कि उनकी दुकान पर पतंगों के सबसे नए और बेहतरीन डिजाइन उपलब्ध हों, ताकि खरीदारों का जमघट लगा रहे। इधर, छुट्टी के दिन होने के कारण भी छत्तों पर युवाओं की खूब भीड़ दिखाई दी। धूप निकलने के कारण बढिय़ा हुए मौसम ने भी पतंगबाजी के शौकीनों को बढिय़ा माहौल सौगात के रूप में प्रदान किया है।