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इसे सरकार की सख्ती कहें या यूनियन की फूट का असर, हड़ताल में भाग लेने में हिचकते दिखाई दिए कर्मचारी

जागरण संवाददाता, झज्जर : ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन हड़

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 11:11 PM (IST)
इसे सरकार की सख्ती कहें या यूनियन की फूट का असर, हड़ताल में भाग लेने में हिचकते दिखाई दिए कर्मचारी
इसे सरकार की सख्ती कहें या यूनियन की फूट का असर, हड़ताल में भाग लेने में हिचकते दिखाई दिए कर्मचारी

जागरण संवाददाता, झज्जर : ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन हड़ताल का कोई असर दिखाई नहीं दिया। आमजन से सीधे तौर पर जुड़े रोडवेज, बिजली और जन स्वास्थ्य विभाग के भी अधिकांश कर्मचारियों ने हड़ताल से दूरी बनाई रखी। हड़ताल को सौ फीसद कामयाब करने का दावा करने वाले रोडवेज विभाग की दो यूनियन से संबंधित कर्मचारियों ने भी हड़ताल में भाग नहीं लेते हुए अन्य दिनों के मुताबिक अपनी ड्यटी निभाई। स्थिति यह रही कि रोडवेज से संबंधित एक यूनियन कार्यालय में कोई कर्मचारी दिखाई नहीं दिया तो दूसरे कार्यालय पर ताला तक लटका हुआ दिखाई दिया। रोडवेज विभाग के कुल 779 कर्मचारियों में से मात्र तीन कर्मचारियों ने ही हड़ताल में भाग लिया। यूनियन से जुड़े कर्मचारी खुलकर तो कुछ बोले नहीं बल्कि दबी आवाज में इतना जरूर बोले, नौकरी तो करनी सै, प्लहयां हड़ताल करके देख लिया, या सरकार दबै कौन्या। इससे पहली बार हुई हड़ताल रोडवेज की सबसे लंबी हड़ताल रही। फिर भी सरकार नहीं झुकी। ये तो गनीमत रही कि हाईकोर्ट ने बीच का रास्ता निकाला नहीं तो कर्मचारियों की दीवाली तो धरनास्थल पर बननी थी। ---रोडवेज का चक्का जाम का ऐलान, उनकी हाजरी ही रही सबसे ज्यादा

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विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में दिनभर इस बात की चर्चा रही कि रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम करने का दावा किया था।लेकिन रोडवेज विभाग के मात्र तीन कर्मचारियों ने ही हड़ताल में भाग लिया। कर्मचारियों का कहना है कि रोडवेज संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने ही हड़ताल से दूरी बनाई हुई है। जबकि श्रीराम पार्क में दिए जा रहे धरने में एसकेएस और सीटू से संबंधित कर्मचारियों ने ही भाग लिया है। यहां इस बात का भी कर्मचारियों में खूब जिक्र होता हुआ दिखाई दिया कि पहले चक्का जाम के कारण ही हड़ताल का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलता था। चूंकि अब जब रोडवेज के स्तर पर ही हड़ताल कामयाब नहीं होती तो अन्य विभागों के स्तर पर भी उठने वाले कदम नाकाफी दिखाई देते हैं। ---सुबह सात बजे ही गलियों में सफाई करने में जुट गए थे कर्मचारी नगर पालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग नहीं लिया। सुबह सात बजे से ही सफाई कर्मचारी शहर की गलियों और चौक-चौराहों पर सफाई करते हुए दिखाई दिए। नगरपालिका के सभी 146 कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे। जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले गाड़ियां भी कार्य करते हुए दिखाई दी। ---घरों में पानी की सप्लाई भी हुई समयानुसार : जन स्वास्थ्य विभाग के भी अधिकांश कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग नहीं लिया। जिसके चलते घरों में भी पानी की सप्लाई समयानुसार हुई। शहर के सीताराम गेट क्षेत्र में सुबह साढ़े आठ बजे ही पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई। जबकि अन्य क्षेत्रों में भी तय समय के अनुसार पानी की सप्लाई हुई। हड़ताल का कोई असर आमजन पर दिखाई नहीं दिया। ---बिजली फॉल्ट की 23 शिकायतें हुई दर्ज, 20 को किया ठीक बिजली निगम के सर्व कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग लिया। जबकि अन्य कर्मचारियों ने हड़ताल से दूरी बनाए रखी। अनुबंध, डीसी रेट और हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों ने पूरे दिन व्यवस्था को संभाले रखा। दिनभर में बिजली की आपूर्ति में आए फॉल्ट की 23 शिकायतें दर्ज की गई। जिसमें से 20 शिकायतों को ठीक कर दिया। जबकि तीन शिकायतों पर कर्मचारी काम करना शेष था। जबकि दिन भर के बिजली कट आदि का हिसाब लगाया जाए तो किसी भी स्तर पर कोई दिक्कत नहीं आई। हां, जहां भी शिकायत हुई वहां पर समाधान साथ-साथ ही हो गया।


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