डांवला गांव में जोरदार ढंग से घंटा भर तक हुआ हंगामा, रईया से विरोध जताने पहुंचे ग्रामीण
जागरण संवाददाता, झज्जर : रईया गांव में प्रस्तावित बागवानी विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर का विरो
जागरण संवाददाता, झज्जर : रईया गांव में प्रस्तावित बागवानी विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर का विरोध व्यक्त कर रहे ग्रामीण बुधवार सुबह करीब 10 बजे डांवला गांव तक आ पहुंचें। यहां पर करीब घंटा भर तक रूकते हुए इन्होंने कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ एवं सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की। विरोध जता रही महिलाएं भी बड़ी संख्या में यहां पहुंची थी। काली चुन्नी और काले झंडे के साथ पहुंचे यह ग्रामीण पहले तो मुख्य सड़क किनारे आ बैठें। शांति पूर्वक ढंग से विरोध जताने की बात कह रहे लोगों का कहना था कि जानबूझकर गांव का माहौल खराब किया जा रहा है। जिस प्रकार की स्थिति पैदा की जा रही है, उससे विरोध घटने की बजाय बढ़ रहा है। गौरतलब है कि रईया माईनर के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने के लिए कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के आने की पूर्व सूचना के चलते ही ग्रामीण यहां पर पहुंचे थे। इधर, ग्रामीणों की हाजिरी को केंद्र में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर एसडीएम विजय ¨सह मलिक, डीएसपी सुरेश हुड्डा, थाना प्रभारी वेदपाल सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर आ गए। गुप्तचर एवं सुरक्षा शाखा से जुड़ी टीम के सदस्य भी यहां पल-प्रति पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर मौजूद रहे लोगों से विस्तार से चर्चा की, दोनों पक्षों में हुई बातचीत से बीच का रास्ता भी निकल गया। जिससे प्रशासन की टीम ने राहत की सांस ली। दरअसल, जिस तरह का माहौल दिख रहा था। वह स्थिति को पेंचीदा बना सकता था। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर दिखाई गई सूझ-बूझ के चलते ग्रामीण वापस रईया जाने को राजी हुए। इधर, ग्रामीणों के वापस लौटने के बाद कुछ समय बाद कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने वहां पहुंचते हुए शिलान्यास किया। ---पहले भी दो दफा हो चुका है काफिले का विरोध ग्रामीण रईया में प्रस्तावित महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि करनाल के महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय द्वारा जिला झज्जर के गांव रईया की 105 एकड़ पंचायती भूमि पर बागवानी का रीजनल सेंटर बनाए जाने की घोषणा वर्ष 2016 में हुई थी। जिसका गांव से जुड़े हुए एक पक्ष के लोग खुलकर विरोध कर रहे हैं। लगातार नए साल के आगाज के साथ ही धरना दिया जा रहा है। अब तो वहां पर क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू हो चुकी है। किए जा रहे विरोध में ही ग्रामीणों ने सरकार एवं भाजपा से जुड़े हुए नुमाइंदों का विरोध करने का निर्णय लिया था। जिसके आधार पर वह पहले 25 दिसंबर को और फिर दफा अन्य कार्यक्रम के लिए जा रहे कैबिनेट मंत्री के काफिले को देखकर नारेबाजी करते हुए विरोध जताया था। ठीक उसी चरण में आगे बढ़ते हुए आज यह ग्रामीण रईया से डांवला तक आ पहुंचे। ग्रामीण काफी गुस्से में थे और अपने वाहनों में सवार होकर गांव तक पहुंचे थे। पुलिस एवं प्रशासन की टीम को भी व्यवस्था बनाए रखने एवं विरोध को शांत करने में काफी समय लग गया। बाद में जब ग्रामीण वापिस जाने को राजी हुए तो उन्होंने भी राहत की सांस ली। ---भाजपा के सभी पदाधिकारियों का बहिष्कार किए जाने का फैसला लिया जा चुका है। अदालत के स्तर पर भी ग्रामीण अपनी मांग पुरजोर ढंग से उठा रहे हैं। किसी भी स्तर पर पीछे नहीं हटेंगे। चूंकि पंचायत के स्तर पर भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में नाराजगी बढ़ रही है। ग्रामीण विरोध जताने के लिए ही डांवला में पहुंचे थे।
--जितेंद्र धनखड़ बब्ला, ग्रामीण रईया