केरल की मदद को मदद को उठे हाथ
जागरण संवाददाता, झज्जर : बुधवार को ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार मनाया गया। बकरीद क
जागरण संवाददाता, झज्जर : बुधवार को ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार मनाया गया। बकरीद का यह त्योहार न केवल हमें सामाजिक कार्यों की राह दिखाता है बल्कि कई और संदेश भी देता है। इसी क्रम में ईद की नमाज को लेकर चहल-पहल देखी गई। मुस्लिम समाज के लोगों ने शांति व भाईचारे का प्रतीक माना वहीं एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी।
जहांआरा बाग मस्जिद के अलावा शहर के मेन बाजार स्थित जामा मस्जिद व सिलानी गेट स्थित जामा मस्जिद में मुस्लिम नमाज के लोग एकत्रित हुए। यहां मौलवी आबिद हुसैन ने नमाज अता करवाई। जिसके बाद गले मिलकर ईद उल अजहा के पर्व की शुभकामनाएं दी और एक दूसरे को मिठाइयां भी खिलाई गई।
मौलाना आबिद ने अपने देश में भाईचारा और शांति बनाए रखने के लिए अल्लाह से दुआ मांगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ¨हदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सब साथ साथ मिलकर चलें तो देश अवश्य ही प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। जरूरतमंद की मदद करना सबसे बड़ी इबादत
बुधवार को बकरीद की नमाज अता करने आए मुस्लिम समाज के लोगों ने झज्जर पत्रकार संघ के आह्वान पर केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए स्वेच्छा से 18,100 रुपए एकत्रित करके संघ
का दिया है। सुबह ही झज्जर पत्रकार संघ के प्रधान संजय भाटिया, कोर कमेटी सदस्य श्याम ¨सह अहलावत, संदीप शर्मा व राहुल चौहान श्रीराम पार्क स्थित मस्जिद में पहुंचे। पत्रकार संघ के सदस्यों के आह्वान पर नमाज अता करने आए मुस्लिम समाज के लोगों ने समाज के लोगों से पैसा एकत्र किया। नमाज के बाद संघ के सदस्यों द्वारा हाथों में लिए दान पात्र में छोटे-छोटे बच्चों ने भी अपनी ईदी डाल कर मानवता की नई मिसाल पेश की। जिसे इमाम आबिद हुसैन ने पत्रकार संघ के सदस्यों को सौंप दिया। नमाज से पहले इमाम आबिद हुसैन ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की कि जरूरतमंद की मदद करना अल्लाह की सबसे बड़ी इबादत है। उन्होंने आहवान किया कि मुसीबत की इस घड़ी में हम सभी का फर्ज बनता है कि हम जरूरतमंदों की मदद करें। आबिद हुसैन ने कहा कि हम सब देशवासी एक हैं, बेशक हमारे मजहब अलग हैं लेकिन सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। आज केरल में बाढ़ आपदा आई हुई है। जिसमें उन्हें मदद की जरूरत है हम सभी देशवासियों को मिलकर उनकी मदद करनी चाहिए, ताकि बाढ़ पीड़ितों को राहत मिल सकें। उन्होंने कहा कि हम सब हमेशा तत्पर हैं और इस पुण्य कार्य मे हम अपना सहयोग हमेशा करते रहेंगे।