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मनु भाकर के ट्वीट इनाम सही या सिर्फ जुमला पर जागी सरकार, बोली मिलेगा दो करोड़ इनाम

गोल्‍डन गर्ल मनु भाकर के इनाम विवाद का मामला सुलझ गया है। मनु के ट्वीट के बाद खेल मंत्री अनिल विज ने कहा है कि उसको दो करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 12:19 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 09:01 PM (IST)
मनु भाकर के ट्वीट इनाम सही या सिर्फ जुमला पर जागी सरकार, बोली मिलेगा दो करोड़ इनाम

चंडीगढ़/झज्जर, जेएनएन। गोल्‍डन गर्ल मनु भाकर के ट्वीट के बाद हरियाणा सरकार जाग गई है। राज्‍य क खेल मंत्री अनिल विल मनु को पदक जीतने के लिए दो करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। विज ने कहा‍ कि मनु को सरकार के नियम के अनुरूप इनाम के रूप में दो करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। इससे पहले मनु ने ट्वीट करते हुए खेल मंत्री अनिल विज से पूछा है कि कन्फर्म करें सर, यूथ ओलंपिक में मिले गोल्ड के बाद घोषित हुआ इनाम सही था या सिर्फ जुमला।

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शुक्रवार दोपहर में मनु के ट्वीट करने के बाद हंगामा मच गया। इस पर अनिल विज ने भी ट्वीट कर कहा कि वह इस मामले को देख रहे हैं। इसके बाद शनिवार सुबह अनिल विज ने ट्वीट कर बताया कि मनु भाकर को सरकार के नियम के अनुसार दो करोड़ रुपये की इनामी राशि मिलेगी। इससे पहले मनु भाकर के ट्वीट पर शुक्रवार को हंगामा मचता रहा। मनु के ट्वीट को कई लोगों ने रि-ट्वीट किया है। वहीं मनु भाकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय खेल मंत्री, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अन्य को टैग करते हुए गजट नोटिफिकेशन की कॉपी आदि भी ट्विटर के जरिए साझा किया।

मनु भाकर को पिछले साल एक समारोह में मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने सम्‍मानित किया था।

दरअसल 9 अक्टूबर 2018 को मनु भाकर ने यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इस पर हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने 10 अक्टूबर को ट्वीट करते हुए गोल्ड जीतने पर मनु भाकर के लिए दो करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। ट्वीट कर बकायदा यह कहा गया कि 'हरियाणा सरकार इस गोल्ड के लिए मनु भाकर को दो करोड़ की राशि इनाम में देगी, पिछली सरकारों में यह राशि मात्र 10 लाख हुआ करती थी। ओलंपिक की तैयारियों में जुटी मनु ने ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त के एक ट्वीट को भी रि-ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।

इसके बाद खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि मनु भाकर की बात सरकार तक पहुंच गई है। यह जांच का विषय है कि उन्होंने कितने मेडल जीते और उनकी कितनी इनामी राशि बनती है। हमने जो खेल नीति तैयार की है उसमें खिलाड़ी को उसके खेल प्रदर्शन के हिसाब से इनाम और सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। पिछली सरकारों ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नौकरियां दी थीं। उनका कोई मापदंड नहीं था, भाजपा सरकार ने खेल और खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए मापदंड तय किए हैं।

विज बोले- सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने से पहले खेल विभाग से पता करना चाहिए था मनु को

इसके बाद श‍निवार को अनिल विज ने कहा कि मनु भाकर को दो करोड़ रुपये ही मिलेंगे। उन्‍हें प्रतिक्रिया देने से पहले खेल विभाग से इस बारे में पुष्टि करनी चाहिए थी। सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देने से पहले इस बारे में पूरी तरह पता कर लेना चाहिए था। देश में सर्वोच्च पुरस्कार देने वाले राज्य सरकार की निंदा करना व उस पर सवाल उठाना गलत है। खिलाड़ियों में कुछ समझदारी होनी चाहिए। भाकर को यह विवाद पैदा करने के लिए खेद महसूस करना चाहिए। उसे अभी लंबा सफर तय करना है। उसे अपने खेल पर ही ध्यान देना चाहिए।

दो नोटिफिकेशन से घोषणा पर पैदा हुआ संशय

मनु भाकर के पिता राम किशन भाकर ने कहा कि 7 सितंबर 2018 के गजट नोटिफिकेशन में यूथ ओलंपिक में गोल्ड जीतने पर इनाम की राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ करने की घोषणा है। 27 दिसंबर 2018 को जारी हुए दूसरे गजट नोटिफिकेशन में इनाम की राशि 10 लाख रुपये से एक करोड़ करने की घोषणा हुई है। यह घोषणा पर संशय पैदा करता है।

पिता रामकिशन भाकर के साथ मनु भाकर। (फाइल फोटो)

मनु भाकर के पिता ने दिया अनिल विज के ट्वीट का जवाब

खेल मंत्री अनिल विज द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद मनु भाकर के पिता राम किशन भाकर ने भी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि पोडियम पर खड़ा खिलाड़ी हो या दर्शक दीर्घा में बैठा कोई भारतीय, सभी राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए वहां तक पहुंचते हैं। बस, इसी सोच के साथ मनु आगे बढ़ रही है। ऐसा पहली दफा नहीं हुआ, पहले भी जब मिशन रुबेला से जुड़े हुए अभियान के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाए जाने की घोषणा के बाद मनु का नाम वापस लिया गया था। यह बात मेरी बेटी को काफी बुरा लगा था। पुन: वैसा ही होता हुआ दिखाई दिया।

बात पैसे की नहीं है। दो साल पहले बेटी को जब पिस्टल पकड़ना भी नहीं आता था तो भी करीब दो लाख रूपये का पिस्टल लेकर दिया था। यह तो मनु की मेहनत और हरियाणा तथा देश के लोगों का प्यार है, वह आज यहां तक पहुंच पाई है। रहीं बात विभाग से संपर्क करने की तो इन दिनों में उनसे भी किसी ने संपर्क नहीं किया। फिलवक्त मनु अपने अभ्यास में लगी है और किसी भी तरह के विवाद में उसे नहीं पड़ना।

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'बात पैसे नहीं वादे से मुकरने की थी'

'' बात पैसे की नहीं, यहां किए गए वादे से मुकरने की थी। मनु जब जीतकर आई थी तो उन्होंने वादा किया था अब उन्हें याद तक नहीं। ध्यान रखा जाना चाहिए कि खिलाड़ी और भावना एक दूसरे की पूरक है। इस तरह की प्रतिक्रिया और होने वाली घोषणाओं से कहीं न कहीं मनु सहित अन्य खिलाडिय़ों की भावनाओं पर भी विपरीत असर पड़ता है।

                                                                                               - रामकिशन भाकर, मनु भाकर के पिता।


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