जागरण विशेष : आधे किसानों को नहीं मिलेगी आर्थिक सहायता, 59 फीसद एरिया रिजेक्ट
गिरते भू-जल स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की थी। जिसके तहत जिला में धान का रकबा कम करने के लिए कदम उठाए गए। योजना का लक्ष्य पिछले वर्ष धान की बिजाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करके इस बार धान के स्थान पर दूसरी फसल बिजाई करवाना था। ताकि किसान धान को छोड़े और गिरते भू-जल स्तर में भी सुधार हो।
दीपक शर्मा, झज्जर : गिरते भू-जल स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की थी। जिसके तहत जिला में धान का रकबा कम करने के लिए कदम उठाए गए। योजना का लक्ष्य पिछले वर्ष धान की बिजाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करके इस बार धान के स्थान पर दूसरी फसल बिजाई करवाना था। ताकि, किसान धान को छोड़े और गिरते भू-जल स्तर में भी सुधार हो। इसके लिए सरकार किसानों को 7 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दे रही हैं। सरकार ने कृषि विभाग की मदद से किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया। जिसके तहत जिला में कुल 8702 किसानों ने आवेदन किया। आवेदन के अनुसार 10425.48 हेक्टेयर एरिया में किसान धान की बिजाई छोड़ने को तैयार हुए।
खेतों में जाकर किया जा रहा सत्यापन
ऑनलाइन आवेदन के बाद अब कृषि विभाग ने खेतों में जाकर इन आवेदनों का सत्यापन करना आरंभ कर दिया है। फिलहाल धान की फसल छोड़कर कपास की बिजाई करने वाले किसानों के आवेदनों की जांच हुई। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 2187 किसानों ने कपास की बिजाई के लिए 2456 हेक्टेयर एरिया का रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें से सत्यापन के दौरान 59.48 फीसद एरिया रिजेक्ट हो गया, वहीं 40.52 फीसद एरिया सही पाया। किसानों की बात करें तो 55.37 फीसद किसानों के आवेदन सही मिले, वहीं 44.63 फीसद किसानों के आवेदन रिजेक्ट हो गए। हालांकि अन्य फसलों के लिए आवेदन करने वाले किसानों के आवेदनों की जांच की जा रही है। फिलहाल बाजरा की बिजाई चल रही है, इसलिए मेरा पानी मेरी विरासत के तहत आवेदन प्रक्रिया भी जारी है। पहले दो और बाद में मिलेंगे पांच हजार
सरकार मेरा पानी मेरी विरासत के तहत आवेदन करने वाले किसानों को दो किस्तों में पैसे देगी। इसके तहत अब जिन किसानों के आवेदनों का सत्यापन हो गया और वे सही पाए गए। उनको 2-2 हजार रुपये मिलेंगे। इसके बाद फसल पकाई के दौरान फिर से फसलों की जांच होगी। उस दौरान खेत में फसल मिली तो 5-5 हजार रुपये दिए जाएंगे। दो किस्तों में पैसे देने का मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि किसान एक बार दूसरी फसल दिखाकर कहीं बाद में उसी खेत में धान की बिजाई न कर दें। धान के स्थान पर कपास की बिजाई करने के आवेदनों की सर्वे रिपोर्ट
कुल आवेदन : 2187
सही पाए आवेदन : 1211
रिजेक्ट हुए आवेदन : 976
कुल रकबा : 2456 हेक्टेयर
सही पाया गया रकबा : 995 हेक्टेयर
रिजेक्ट हुआ रकबा : 1461 हेक्टेयर
धान के स्थान पर दूसरे फसल बिजाई के आवेदन
फसल आवेदन रजिस्टर्ड एरिया
मक्का 89 67.072
बाजरा 5625 7286.338
कपास 2187 2456.211
दालें 241 167.684
सब्जियां 404 338.174
फल 37 23.998
अन्य बागवानी फसलें 119 86.003
कुल 8702 10425.48
नोट : एरिया के सभी आंकड़े हेक्टेयर में हैं। 6 अगस्त तक के आंकड़े हैं। - मेरा पानी मेरी विरासत के तहत धान के स्थान पर कपास की बिजाई करने वाले किसानों के आवेदनों का सत्यापन हो चुका है। 2187 आवेदनों में से 976 आवेदन रिजेक्ट हुए हैं। रिजेक्ट होने का कारण यही सामने आया है कि आवेदन करने वाले किसानों ने उस खेत में पिछले वर्ष धान की बिजाई नहीं की हुई थी। अभी भी मेरा पानी मेरी विरासत के तहत आवेदन प्रक्रिया चल रही है।
डा. इंद्र सिंह, डीडीए, झज्जर।