खेत खलिहान : किसान गेहूं की बिजाई करें आरंभ, 25 नवंबर तक बिजाई का उचित समय
- गेहूं की बिजाई से पहले बीज उपचार भी करें किसान
जागरण संवाददाता,झज्जर :
गेहूं बिजाई का उचित समय 25 अक्टूबर से 25 नवंबर तक माना जाता है। इसलिए किसान इस समय अवधि में ही गेहूं की बिजाई कर लें। जबकि, सरसों बिजाई का समय 25 अक्टूबर तक ही होता है। किसान कुछ दिन लेट तक भी सरसों की बिजाई करते रहते हैं। अब सरसों बिजाई का समय समाप्त होने के बाद किसान गेहूं बिजाई की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसलिए किसानों को समय से ही गेहूं की बिजाई करने की सलाह दी जा रही है। ताकि अच्छी पैदावार हो। साथ ही बिजाई से पहले बीज का उपचार भी जरूर करना चाहिए। जिससे कि गेहूं बिजाई के बाद आने वाली बीमारियों से राहत मिले या फिर बीमारी कम आएं।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जिन खेतों में दीमक की समस्या हो तो किसान 60 एमएम क्लोरपायरीफास 20ईसी नामक दवाई को 2 लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें। बिजाई से पहले दिन शाम के समय इस घोल को 40 किलो बीज पर छिड़काव करें और अच्छे से मिला लें। ताकि यह घोल बीज पर ठीक से लग जाए। इसके बाद बीज को रातभर रख दें और सुबह बिजाई से पहले फफूंद नाशक दवाई व उसके बाद जीवाणु खाद के टीके से उपचार करके ही बिजाई करें। किसान रसायनिक खादों का प्रयोग भी मिट्टी जांच के बाद ही करें। किसान मिट्टी जांच करवाएं, ताकि यह पता लग सके कि मिट्टी में किस चीज की कमी है। किसान गेहूं बिजाई के लिए अपने खेतों को अच्छे से तैयार करें। जिन किसानों के खेत अब खाली हो चुके हैं और उन खेतों में गेहूं की बिजाई करनी है तो उनके पास खेत तैयार करने के लिए पर्याप्त समय भी है। खेत में खरपतवार भी ना रहने दें। खेत अच्छे से तैयार होगा तो इसका पैदावार पर भी असर पड़ेगा।
-कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. उमेश शर्मा ने बताया कि किसान गेहूं की बिजाई का कार्य 25 नवंबर तक पूरा करें। समय से बिजाई करके अच्छी पैदावार ली जा सकती है। साथ ही बिजाई से पहले किसान बीज का भी उपचार करें। ताकि बिजाई के बाद आने वाली बीमारियों से गेहूं को बचाया जा सके।