किसानों ने जाना पराली से आमदनी और उर्वरा शक्ति बढ़ाने का तरीका
दैनिक जागरण की ओर से सोमवार को आयोजित हेलो जागरण
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : दैनिक जागरण की ओर से सोमवार को आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम किसानों के लिए उत्साहजनक और ज्ञानवर्द्धक रहा। इसमें पहुंचे कृषि विभाग के उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सुनील कौशिक से किसानों ने पराली प्रबंधन के तरीके समझे। पराली को बिक्री से अलग कैसे खेती के लिए उपयोगी बनाया जाए, इसके बारे में किसान जागरूक हुए। साथ ही रबी सीजन की फसलों और खेती में आने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए भी किसानों ने सलाह ली।
दोपहर 12 से 1 बजे तक हुए हेलो जागरण कार्यक्रम में उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सुनील से फोन पर विभिन्न गावों के 20 से ज्यादा किसानों ने खेती से जुड़े विषयों पर बातचीत की। ज्यादातर किसानों ने पराली प्रबंधन के तरीके समझे। कृषि अधिकारी डा. सुनील ने किसानों को बताया कि इस समय पराली आमदनी की जरिया भी है। इसके यहा पर खरीदार भी है। उन्होंने बाकायदा किसानों को पराली के खरीदारो का फोन नंबर भी दिया ताकि वे पराली को बेचकर आय बढ़ा सकें। जिन किसानों की पराली नहीं बिकती है तो वे इसे खेतों में खाद बनाकर इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते है। डा. सुनील ने बताया कि जिन कृषि यंत्रों से पराली का खेतों में ही प्रबंधन हो सकता है, उन पर सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है। साथ ही ऐसे यंत्र खेतों की जुताई के लिए किसानों को नाममात्र किराये पर देने की व्यवस्था भी की जा रही है। इस यंत्र से खेत के अंदर ही पराली की जुताई की जा सकती है। इससे वह मिट्टी में दब जाएगी और खाद बनकर अगली फसल के लिए उपयोगी बनेगी। साथ ही उन्होंने रबी सीजन की फसलों की बिजाई और विभिन्न फसलों में आने वाली बीमारियों की रोकथाम के उपाय भी फोन पर किसानों को बताए। हेलो जागरण में किसानों के ये थे सवाल : 1. निलौठी से महाबीर ने पराली प्रबंधन पर सवाल पूछा तो उन्हे बताया कि यह दो से तीन हजार रुपये प्रति एकड़ तक बिकती है। ऐसा न हो तो आधुनिक यंत्र से खेत में ही उसकी जुताई करे दें।
2. कुलासी के अजायब सिंह ने पराली प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र पर सब्सिडी की जानकारी ली।
3. छारा गाव से ओमप्रकाश ने खेतों में हर तरह के फसल अवशेष के प्रबंधन को लेकर उपमंडल कृषि अधिकारी से सलाह ली।
4. कार्यक्रम में महिला किसानों के भी फोन आए। बराही से गीता ने कृषि अधिकारी से धान की फसल में ब्लैक होपर की रोकथाम की सलाह ली।
5. छारा गाव से नेत्रपाल ने धान की बीमारी में मच्छर जैसे कीट का हमला होने की शिकायत की तो कृषि अधिकारी ने उन्हे संबंधित दवा के छिड़काव की सलाह दी।
6. बराही गाव से अजय ने बाजरे की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आने की बात कही।
7. भापड़ौदा गाव से श्यामप्रकाश ने कपास की फसल में बीमारी आने की शिकायत की तो कृषि अधिकारी ने उन्हे समाधान बताया।
8. निलौठी गाव से यशपाल ने धान की फसल में सफेद बालिया आने की समस्या रखी। किसान को कृषि अधिकारी ने इसका कारण और समाधान बताया।
9. ढराना के संदीप ने पराली प्रबंधन के लिए कृषि अधिकारी से विस्तार से सलाह दी। उन्होंने पराली और धान के अवशेष के प्रबंधन का तरीका समझा। इस पर उपमंडल कृषि अधिकारी ने बताया कि आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल करके किसान खेतों पराली और अवशेष का प्रबंधन कर सकते है।
10. बुपनिया गाव के कटार सिंह ने सरसों की बिजाई को लेकर सलाह ली। इसके अलावा कानौंदा से शिवनारायण, झासवा से सुखबीर, रेवाड़ीखेड़ा से विनोद, भापड़ौदा से सुधीर, छारा से अमरजीत व अन्य किसानों ने भी अपनी समस्याएं बताई। पराली प्रबंधन की मुहिम को सराहा : क्षेत्र में पराली के प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग भी संजीदा है और दैनिक जागरण की मुहिम भी किसानों में जागरूकता ला रही है। हेलो जागरण में पहुचे उपमंडल कृषि अधिकारी डा. सुनील कौशिक ने दैनिक जागरण के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसानों में इससे जागरूकता आ रही है। किसानों को पराली प्रबंधन की सलाह के लिए फोन के माध्यम से मंच प्रदान करना सराहनीय है। कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञ डा. देवराज ओहल्याण भी उपस्थित रहे और किसानों को परामर्श दिए।