खेत खलिहान : अच्छी पैदावार के लिए सरसों बिजाई में देरी ना करें किसान
- सरसों बिजाई से पहले अछे से तैयार करें जमीन
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिन किसानों को सरसों की बिजाई करनी है, वे देरी न करें। विशेषज्ञों के अनुसार 25 अक्टूबर तक ही सरसों की बिजाई का उचित समय होता है। अब 25 अक्टूबर के बाद सरसों की पछेती बिजाई होती है। अच्छी पैदावार के लिए समय से बिजाई करना जरूरी है। अभी भी किसान सरसों की बिजाई कर सकते हैं। क्योंकि, अब देरी करने का असर पैदावार पर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि सरसों के लिए डीएपी उपलब्ध नहीं हो रही है तो वे एसएसपी (सिगल सुपर फास्फेट) का इस्तेमाल कर सकते हैं। किसान एक एकड़ में डेढ़ बैग (75 किलो) एसएसपी प्रति एकड़ से डाल सकते हैं। इसमें 11 प्रतिशत गंधक होता है जो सरसों के लिए आवश्यक है। वहीं एक बैग से कम (35 किलो) यूरिया भी भूमि तैयार करते समय डालनी चाहिए। वहीं 35 किलो यूरिया पहली सिचाई के समय डालें। इसमें एक बैग डीएपी से भी कम खर्च आएगा। एसएसपी को ड्रिल से बिजाई करें। एसएसपी का छिड़काव नहीं करना चाहिए, ताकि इसका पूरा फायदा सरसों को मिले।
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. उमेश शर्मा के मुताबिक सरसों बिजाई के लिए उचित समय अक्टूबर माह माना जाता है। इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। बरसात के बाद मौसम में भी ठंडक घुली हुई है। वैसे तो इन दिनों में तापमान भी 30 डिग्री से कम आ चुका है। इसलिए किसानों को सरसों बिजाई में देरी नहीं करनी चाहिए। यह भी देखना होगा कि अगर खेत में खरपतवार रहती है तो इसका नुकसान सरसों पर पड़ता है। इसलिए खेत को अच्छे से तैयार करना जरूरी है। हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार द्वारा सरसों की आरएच-725 किस्म की सिफारिश की जाती है। कृषि विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई इस किस्म की बिजाई करके किसान अच्छी पैदावार ले सकते है।