Move to Jagran APP

घर समय पर नहीं पहुंचे युवकों की लोकेशन से परिवार पहुंचा बादली

कपिल शर्मा बादली औरंगपुर गांव स्थित साइट से काम पूरा करने के बाद दिल्ली के तीन सिविल इंज

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 11:05 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 06:11 AM (IST)
घर समय पर नहीं पहुंचे युवकों की लोकेशन से परिवार पहुंचा बादली

कपिल शर्मा, बादली : औरंगपुर गांव स्थित साइट से काम पूरा करने के बाद दिल्ली के तीन सिविल इंजीनियर जब अपने तय समय पर घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को इनकी चिता सताने लगी। समय बढ़ने के साथ जब देरी होने लगी तो तलाश करने के प्रयास शुरू हुए। कारण कि परिजन जब लगातार उनके पास फोन कर रहे थे तो वह फोन रिसीव नहीं कर रहे थे। होने वाली देरी के साथ तीनों का एक साथ फोन रिसीव नहीं करना अनहोनी का इशारा करने लगा। परिणाम स्वरूप परिवार ने पुलिस में शिकायत करते हुए मदद की गुहार लगाई। प्रारंभिक जांच के आधार पर जब लोकेशन निकाली गई तो वह बादली गांव के पास निकली। बताते है कि सिविल इंजीनियर के परिजन रात करीबन 11:30 बजे बादली थाना में पहुंचे और लोकेशन दिखाते हुए मदद किए जाने की गुहार लगाई।

loksabha election banner

एक किलोमीटर दूर मिली गाड़ी : पुलिस के स्तर पर जब जांच शुरु की गई तो तीनों युवकों की गाड़ी बादली थाना से कुछ दूर पर दिखाई दी। गाड़ी को चेक किया तो उसमें युवकों के कपड़े रखे हुए थे तथा मोबाइल चाíजंग पर लगा था। नहर किनारे खड़ी गाड़ी में कपड़े दिखाई देने के बाद सीधे तौर पर दिखने लगा कि युवक नहाने के लिए उतरे हैं। सुबह दिन निकलने के साथ तलाशी अभियान तेजी से चलाया गया। गोताखोरों एवं ग्रामीणों की मदद से युवकों को ढूंढ़ने का अभियान शुरू हुआ। सबसे पहले आशीष पुत्र विजयपाल का शव गाड़ी से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बरामद हुआ। बहाव के हिसाब से आगे बढ़ रहे गोताखोरों को आशीष के बाद एसएम मुर्सलीन का शव करीब चार किलोमीटर की दूरी पर मिला। जबकि, तीसरे युवक प्रदीप का शव करीब डेढ़ बजे देवरखाना मोड़ के पास से बरामद हुआ। बताते हैं कि तीनों गहरे दोस्त थे और एक ही गाड़ी से आते-जाते थे। इधर, प्रशासन के स्तर पर एसडीएम विशाल कुमार, डीएसपी बादली अशोक कुमार, नायब तहसीलदार प्रभु दयाल, थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार आदि ने अभियान को अपनी देखरेख में चलवाया। बॉक्स : बता दे कि दक्षिण हरियाणा के जिलों की प्यास बुझाने वाली एनसीआर गुड़गांव माइनर जहां लाखों लोगों की पानी की जरूरत को पूरा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ हर साल इस नहर के अलग-अलग हिस्सों में कई लोगों की जिदगियां खत्म हो चुकी है। खास तौर पर गर्मी के मौसम में यहां डूबने वालों का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है। गर्मी के मौसम में डूबने वालों के आंकड़ों की बात करें तो 2016 में गर्मी के तीन महीने में इन नहरों से 12 शव निकाले गए थे। जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। ऐसा ही सिलसिला साल दर साल चल रहा है। बस फर्क इतना है कि सूची के नाम आंकड़ा हर साल बदल रहा है। लेकिन, बदल नहीं रहे तो यहां के हालात। नहर के पास खानापूíत के लिए दो जगह पर ही चेतावनी बोर्ड लगाएं हैं। जिससे अन्य जगहों पर नहाने वालों को इसकी गहराई का पता नहीं चल पाता।

उल्लेखनीय है कि एनसीआर गुरुग्राम माइनर सोनीपत के पाई गांव के बाद बहादुरगढ़ सीमा में प्रवेश करती है। यहां से जसोरखेड़ी, आसौदा होते हुए बादली की तरफ जाती है। इन करीब 30 किमी के इलाके में कई खतरनाक प्वाइंट हैं। जहां लगातार हादसे होते हैं। गर्मी के मौसम में नहर के आस-पास के क्षेत्र में नहर में नहाने वालों की भीड़ रहती है। हालांकि, प्रशासन के स्तर पर सूचनाएं चस्पा की जाती हैं और लोगों को ऐसा नहीं करने की सलाह भी देते हैं। लेकिन, कोई फायदा नहीं हो पा रहा।

पिछले साल भी डूबे थे तीन दोस्त : नियमों को ताक पर रखते हुए गर्मी से बचने का यह तरीका कतई अच्छा नहीं हैं। बुधवार को सामने आया यह घटनाक्रम कोई पहला नहीं हैं। पिछले कई सालों से लगातार ऐसे केस सामने आ रहे हैं। पिछले साल भी नहाने के लिए आए तीन युवक इस नहर में डूब गए थे। कारण कि यहां पर यह तो लिखा गया है कि नहर में नहाने पर प्रतिबंध है। लेकिन, नहाने वालों को यह पता नहीं चल पाता कि पानी की गहराई कितने फीट तक है। ऐसी स्थिति में अच्छी तरह से तैराकी नहीं जानने वालों के लिए यह गहराई जानलेवा साबित हो रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.