छुट्टी पर गई चिकित्सक, अल्ट्रासाउंड के लिए भटक रहे मरीज
जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर के सामान्य अस्पताल से अल्ट्रासाउंड कराना स्वयं में एक बहुत बड़
जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर के सामान्य अस्पताल से अल्ट्रासाउंड कराना स्वयं में एक बहुत बड़ी परीक्षा है। कहने को यहां का अस्पताल 100 बेड का अस्पताल है।लेकिन बेसिक सुविधाओं का जिस तरह का अभाव शुरूआत से बना हुआ है वह आज भी दिखाई देता है। खास तौर पर अल्ट्रासांउड करवाने को लेकर तो यहां पहुंचने वाली मरीज को घंटों लाइन में लगना पड़ता है। हां, अक्सर ऐसा भी होता है कि घंटों तक लाइन में लगने के बाद नंबर ही नहीं आता। या मजबूरी में लंबी लाइन देखकर बाहर धनराशि खर्च करके करवाना पड़ रहा है। इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना तो दूर यहां पर इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों के लिए एक नई परेशानी आन बनी है कि सुबह से लेकर दोपहर तक अल्ट्रासाउंड करने वाली चिकित्सक लंबी छुट्टी पर चली गई है। चिकित्सक की गैर मौजूदगी में अल्ट्रासाउंड करने के लिए विभाग के स्तर पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। पहले सामान्य अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करने करने वाले चिकित्सक डा. संजय सचदेवा अब एसएमओ बन गए हैं। उनके नाम पर अल्ट्रासांडंड मशीन को दो घंटे के लिए रजिस्टर्ड किया गया है। जबकि छुट्टी पर गई महिला चिकित्सक के नाम यह अल्ट्रासाउंड मशीन सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक रजिस्टर्ड है। जबकि सामान्य अस्पताल में हर रोज 100 से 125 मरीजों के कार्डो पर चिकित्सकों को तरफ से विभिन्न बीमारियों को लेकर अल्ट्रासाउंड लिखे जाते हैं। इसके विपरित यहां केवल 80 से 85 मरीजों के अल्ट्रासाउंड किए जा रहे थे। ताजा हालात की बात हो तो मात्र 20 मरीजों के अल्ट्रासाउंड ही अब हो पा रहे हैं। तीन सप्ताह की छुट्टी पर गई चिकित्सक
सामान्य अस्पताल में कार्यरत अल्ट्रासाउंड करने वाली चिकित्सक तीन सप्ताह के अवकाश पर चली गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार तीन सप्ताह का अवकाश समाप्त होने के बाद एक बार फिर से छुट्टी पर जाने बात चिकित्सक कह कर गई है। ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ गई है। मरीज भी जब उनके अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाते हो उनके कार्यालय में पहुंच जाते हैं।
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प्राइवेट अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड करवाने को मजबूर हैं मरीज
सामान्य अस्पताल में चिकित्सक के छुट्टी पर चले जाने की वजह से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर महंगी फीस देकर अल्ट्रासाउंड करवाने पड़ रहे हैं। झज्जर सिलानी गेट निवासी मरीज ओमप्रकाश का कहना है कि उसे पत्थरी की शिकायत है और वह तीन दिन से अस्पताल के चक्कर काट रहा है। अगर प्राइवेट अस्पताल में पैसे देने को होते हो सरकारी अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड करवा लेते। शिव कॉलोनी निवासी कविता का कहना है कि उसके पेट में कई दिनों से दर्द है चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी है। लेकिन अस्पताल के अल्ट्रासाउंड केंद्र में तो डाक्टर नहीं है। अब प्राइवेट अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ेगा।
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अल्ट्रासाउंड करने के लिए दोपहर बाद दो घंटे के लिए मशीन मेरे नाम रजिस्टर्ड है। उस दौरान 20-22 अल्ट्रासाउंड ही किए जा सकते हैं। एसएमओ कार्यालय और अस्पताल की सभी जिम्मेदारियां भी हैं। चिकित्सक लंबी छ़ुट्टी पर चली गई हैं। जिस कारण समस्या का बढ़ना लाजिमी है।
- डा. संजय सचदेवा, एसएमओ, सामान्य अस्पताल, झज्जर।