शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, भवनों के बदत्तर हालात से चिता
तपस्वी शर्मा झज्जर राजकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे विभ
तपस्वी शर्मा, झज्जर : राजकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे विभागीय प्रयास सार्थक साबित होते दिखाई दे रहे हैं। स्कूल असेसमेंट टेस्ट में जिला पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर रहा, वहीं सक्षम प्लस में भी जिले के दो ब्लॉक मातनहेल और बेरी अग्रसर हैं। विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों में रूचि पैदा करने के लिए मोबाइल वैन का परिचालन भी हो रहा है। जिसके सुखद परिणाम सामने आने लगे है। खास बात यह भी है कि निजी स्कूलों की तर्ज पर अब राजकीय स्कूल के अध्यापक भी पुस्तकों के अलावा गतिविधियों पर आधारित पढ़ाई करवा रहे है। जिससे विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास में वृद्धि हुई हैं। अध्यापक जहां विद्यार्थियों को स्कूल में पारंगत कर रहे है, वहीं विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए अध्यापक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद से ही डोर टू डोर प्रचार भी कर रहे है। हालांकि, बदत्तर हो रहे भवन एक जरूर चिता का विषय है। खास तौर पर पिछले दिनों में जिस तरह से भवनों को बरसात के दौरान नुकसान हुआ था, के अलावा भवन पुराने हो गए है, की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। ---जारी है शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास
सक्षम कार्यक्रम के नोडल अधिकारी सुदर्शन पूनिया ने बताया कि राजकीय स्कूलों में पुस्तकों के साथ- साथ गतिविधियों पर आधारित भी पढ़ाई करवाई जा रही है। जिसका परिणाम यह रहा कि झज्जर जिल पूरे राज्य में स्कूल असेसमेंट टेस्ट में प्रथम स्थान पर रहा। क्योंकि इस परीक्षा में किताबी ज्ञान के अलावा सामान्य ज्ञान और अन्य गतिविधियों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते है। जिसमें अध्यापकों और विद्यार्थियों दोनों द्वारा की गई मेहनत सामने आई है। उन्होंने बताया कि आधुनिक युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों में रूचि पैदा करने के लिए भी एक पहल की गई। स्कूलों में विज्ञान प्रदर्शनियों के अलावा विज्ञान मोबाइल विज्ञान वैन का भी परिचालन किया गया है। इस वैन में विशेषज्ञों की टीम स्कूलों में पहुंची और विद्यार्थियों से विज्ञान विषय का अध्ययन करने में आने वाली कठिनाईयों के बारे में पूछा सरल व आसान तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए अध्यापक डोर टू डोर जाकर अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने के फायदे बता रहे है। ----पढ़े लिखे ग्राम पंचायत सदस्य भी कर रहे प्रयास पढ़ी लिखी पंचायतों का असर भी स्कूलों की कार्य प्रणाली में दिखाई देने लगे है। सरपंच स्वयं राजकीय स्कूलों की दशा सुधारने का प्रयास कर रहे है। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भदानी, राजकीय प्राथमिक पाठशाला भदानी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खुंगाई में पंचायत स्तर पर करवाए गए कार्य सराहनीय है। राजकीय प्राथमिक पाठशाला भदानी के परिसर की सुंदरता जहां देखने को बनती है। वहीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खुंगाई में स्कूल भवन में सुधार के अलावा सीसीटीवी भी लगाए गए है। कई राजकीय स्कूलों में छोटे बच्चों को क्रेच जैसी सुविधाएं भी दी जा रही है।