चल रहे आमरण अनशन के बीच उपायुक्त से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात, राजनीतिक स्तर पर भी विद्यार्थियों को मिला समर्थन
जागरण संवाददाता झज्जर इच्छा-मृत्यु की इजाजत मांग रहे मेडिकल संस्थान के 49 विद्यार्थियों में
जागरण संवाददाता, झज्जर : इच्छा-मृत्यु की इजाजत मांग रहे मेडिकल संस्थान के 49 विद्यार्थियों में से 2 विद्यार्थियों का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। तीन दिन से धरना देकर विरोध जता रहे विद्यार्थियों ने मंगलवार को उपायुक्त सहित जिला के अन्य अधिकारियों को भेजी मेल के माध्यम से अपनी बात रखी थी। जिसका असर ऐसे देखने को मिला कि बुधवार को विद्यार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल सहित संस्थान के प्रबंधन ने उपायुक्त के समक्ष अपना पक्ष रखा। हालांकि, आंदोलनरत विद्यार्थी एवं प्रबंधन दोनों एक दूसरे को गलत ठहराते हुए अपने-अपने स्तर पर आरोप भी लगा रहे है। बहरहाल, अब उपायुक्त के स्तर पर होने वाली जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि किस स्तर पर चूक हुई है। इधर, गर्मी पकड़ रहे मुद्दे में राजनैतिक स्तर पर विपक्ष के नेताओं का भी विद्यार्थियों को समर्थन मिलने लगा है। पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल, इनेलो के जिलाध्यक्ष महाबीर गुलिया ने विद्यार्थियों से मुलाकात करते हुए आश्वस्त किया है कि वे न्याय की लड़ाई में सदैव उनके साथ है। संस्थान के चेयरमैन नरेन्द्र सिंह ने कालेज के छात्र-छात्राओं द्वारा दिए जा रहे धरने को गलत ठहराया है। कहा कि सुनियोजित साजिश के तहत ही प्रबंधन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, जबकि संस्थान ने मेडिकल परिसर में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई हुई है। कुछ छात्रों की फीस बकाया है और वह आंदोलन की आड़ में अपनी बकाया फीस ही नहीं भरना चाहते। कई छात्र कालेज परिसर में शराब भी पीते हुए पकड़े गए है, प्रबंधन ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने इस तरह से कालेज प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने झूठी व बनावटी शिकायत बनाकर ही 19-20 के लिए नया बैच नहीं लेने दिया। इसलिए उन्होंने आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देने की बात दोहराई है। आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तकनीकी स्तर पर बनी खामियों के कारण ही नया बैच नहीं आया है। शराब आदि पीने का जो आरोप लगाया गया है, वह गलत है। अगर ऐसा हुआ था तो संस्थान को मेडिकल कराना चाहिए था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धरने का तीसरा दिन हो गया है। अब उन्हें जानबूझकर धरना जारी रखने की प्रशासन के स्तर पर इजाजत भी नहीं दी जा रही है। जो कि लोकतंत्र में मिले अधिकारों का भी हनन है। ऐसी स्थिति में प्रशासन को हमारा साथ देते हुए निष्पक्ष जांच करते हुए मदद करनी चाहिए। विद्यार्थियों द्वारा दिए जा रहे धरने में बुधवार को अभिभावक भी पहुंचे। जिन्होंने चिता व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ी उम्मीद के साथ उन्होंने सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान में बच्चों का प्रवेश दिलाया था, आज जब दिक्कत आ रही है तो सरकार किसी भी जगह पर दिख नहीं रही। जो कि उचित नहीं है।