नमाज पढ़ने के लिए नहीं पहुंची मस्जिदों में भीड़, घर तक सीमित रहा त्योहार
ईद-उल-फितर के मौके पर मस्जिदों में पिछले सालों की तर्ज पर भीड़ दिखाई नहीं दी। त्योहार घर तक सीमित रहा। इंटरनेट मीडिया पर एक दूसरे को बधाई दी गई।
जागरण संवाददाता, झज्जर : ईद-उल-फितर के मौके पर मस्जिदों में पिछले सालों की तर्ज पर भीड़ दिखाई नहीं दी। त्योहार घर तक सीमित रहा। इंटरनेट मीडिया पर एक दूसरे को बधाई दी गई। साथ ही मस्जिदों में उन्हीं लोगों ने ही नमाज पढ़ी। जो कि वहां पर रहते हैं या सेवा में लगे हुए हैं। मौलवी आबिद हुसैन ने बताया कि पवित्र रमजान के पूरे 30 रोजों के बाद वीरवार को आसमान पर ईद के चांद का दीदार हुआ। शुक्रवार को ईद का त्योहार मनाया गया। लेकिन, ये दूसरा साल है जब कोरोना महामारी के चलते ईद की नमाज लोगों ने घर पर अदा की और मस्जिदें सूनी रही। ग्रामीण आंचल में भी ऐसा ही माहौल देखने को मिला। त्योहार को देखते हुए अधिकतर लोगों ने घरों में नमाज अदा की। शहर से देहात तक लोग इंटरनेट मीडिया के जरिए एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। आबिद हुसैन ने बताया कि मस्जिदों में नमाज कोरोना के खात्मे के लिए दुआ की गई। बता दें कि कोरोना काल के चलते इस बार लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन के बाद दी ईद उल फितर की बधाई
जागरण संवाददाता, बहादुगढ़:
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा से जुड़े आंदोलनकारी किसानों ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार को बहादुरगढ़ बाईपास की ऑटो मार्केट में आयोजित सभा के दौरान प्रदर्शन किया। इस मौके पर बसंत सिंह कोठा गुरु ने मंच पर प्रस्तुति दी। मुस्लिम समुदाय को ईद-उल-फितर की बधाई दी गई।
यूनियन नेता हरिद्र बिदु ने बंगाल की किसान आंदोलनकारी युवती से दुष्कर्म की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि बुरी घटना के लिए केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। अगर ये सरकार तीन कृषि कानून नहीं बनाती तो किसान आंदोलन नहीं होता। आंदोलन नहीं होता किसानों की पीड़ा से दुखी इस युवती को बंगाल से नहीं आना पड़ता और यह घटना नहीं होती। सभा में कबीर सिंह भैणी जिला अमृतसर, अवतार सिंह सेखा जिला बरनाला, बलदेव कौर गजन माजरा जिला पटियाला, दरबारा सिंह छाजला महासचिव जिला संगरूर, सुगर सिंह घुघनी जिला महासचिव लुधियाना आदि किसान नेताओं ने किसानों को कानूनों की वापसी के लिए संगठित रहने का आह्वान किया।