विरोध के बीच हो रही नालों की सफाई, जलभराव से शहर को निजात दिलाने की तैयारी
फोटो 02 - रात को तोड़ जा रहे नालों पर बने स्लैब मानसून से पहले सफाई की तैयारी - प
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- रात को तोड़ जा रहे नालों पर बने स्लैब, मानसून से पहले सफाई की तैयारी
- पालिका ने दिया ठेका, जून माह में होगी नालों की सफाई
- सफाई के नाम पर दुकानदारों का बढ़ा खर्चा : जागरण संवाददाता,झज्जर : मंगलवार देर रात जैसे ही जेसीबी की मदद से नालों पर बने स्लैब को तोड़ने की प्रक्रिया आरंभ हुई तो दुकानदारों ने इसका जोरदार ढंग से विरोध किया। इस दौरान आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। वहीं विरोध का पता लगते ही नगर पालिका के चेयरमैन प्रतिनिधि उमेश नंदवाली, पार्षद व कर्मचारी भी वहां पहुंचें। जिसके बाद दुकानदारों को समझाया गया। हालांकि नालों की सफाई को लेकर दुकानदार भी मान गए। काफी समय तक वहां पर लोग एकत्रित रहे। इधर, जेसीबी से स्लैब को तोड़ने का कार्य भी जारी रहा। जब सुबह दुकानदार पहुंचे तो उनके गेट के बाहर नाले के स्लैब टूटने के कारण दुकानों में आने-जाने में भी दिक्कत हुई। वहीं दुकानदारों ने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए दुकानें खोली। बता दें कि मानसून को देखते हुए शहर में बने नालों की सफाई करने के लिए नगर पालिका ने ठेका एक कंपनी को दिया है। इसके बाद कंपनी की ओर से नालों की सफाई का कार्य शुरू किया गया है। शहर में बने अधिकतर नाले को स्लैब बनाकर ढका हुआ है। इसलिए पहले नालों पर बने स्लैब को जेसीबी की मदद से तोड़ा जा रहा है, ताकि नालों की आसानी से सफाई हो सके। दिन के समय बाजार में लोगों का आवागमन होने व दुकान खुलने के चलते यह अभियान रात को चलाने का निर्णय लिया गया। ताकि लोगों से जुड़े कार्य ज्यादा प्रभावित न हो। सफाई के नाम पर दुकानदारों का बढ़ा खर्चा : नगर पालिका द्वारा करवाए जा रहे इस कार्य से व्यापारियों की समस्या बढ़ गई है। कारण कि दुकानों के सामने पर बनाए गए स्लैब को तोड़ दिया गया है। जिसके साफ होने और दोबारा से स्लैब के ठीक करवाए जाने में भी समय लगना स्वभाविक है। इधर, बाजार पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऊपर से इस तरह का नुकसान व्यापारियों के लिए दोहरी परेशानी लेकर आया है। व्यापारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी इकाईयां अपने स्तर पर मनमानी करती है। आमजन के हित का ध्यान नहीं रखा जा रहा। बॉक्स :
दुकानदार संजय, लाला, नरेश, सोनू, दीपक कुमार व रमेश कुमार ने कहा कि बिना सूचना के ही अचानक दुकानों के आगे स्लैब तोड़ दिए। जब वे सुबह दुकान पर पहुंचे तो स्थिति का पता चला। इसके कारण दुकानें खोलने व ग्राहकों के आने-जाने में भी दिक्कत हो रही है। प्रशासन को इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए कदम उठाने चाहिए थे, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो। नालों पर बने स्लैब तोड़ने से दुकान में आते-जाते समय हादसों का भी खतरा बना रहता है। - शहर के नालों की सफाई का ठेका 20 लाख रुपये में दिया गया है। जिसके तहत जून माह के अंत तक नालों की सफाई हो जाएगी। इससे मानसून के दौरान शहर में जलभराव जैसी स्थिति से छुटकारा मिलेगा।
अरुण नांदल, सचिव, नगर पालिका, झज्जर।