पीएम के आह्वान पर आत्मनिर्भरता बढ़ी तो भारतीय बाजार में छा जाएगा बहादुरगढ़ का फुटवियर
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हुए लॉकडाउन को यहां के उद्यमियों ने एक अवसर की तरह लिया है। उद्यमियों ने विदेशों पर निर्भरता खत्म करके आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ाया और उसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
कृष्ण वशिष्ठ, बहादुरगढ़ : कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हुए लॉकडाउन को यहां के उद्यमियों ने एक अवसर की तरह लिया है। उद्यमियों ने विदेशों पर निर्भरता खत्म करके आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ाया और उसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। रोजाना यहां पर हजारों पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर, कोरोना जांच किट आदि सामान तैयार किए जाने से इनकी विदेशों से आने की निर्भरता खत्म हो गई है।
दूसरी ओर अगर भारत में दूसरे देशों से आयात कम हो जाएगा और स्वदेशी की मांग ज्यादा होगी तो बहादुरगढ़ में बनने वाले फुटवियर की मांग भी काफी हद तक बढ़ जाएगी। दरअसल, देश का 50 फीसद फुटवियर बहादुरगढ़ में बनता है। भारत में करीब 40 से 50 फीसद फुटवियर चीन व अन्य देशों से आयात होता है। इस साल पेश किए गए बजट में सरकार ने फुटवियर के आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी 25 से 35 फीसद कर दी थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोगों से स्वदेशी अपनाने के किए गए आह्वान का असर हुआ तो बहादुरगढ़ में बनने वाले फुटवियर की मांग काफी बढ़ जाएगी। नॉन लेदर का हब है बहादुरगढ़, कोरोना की वजह से कम है उत्पादन
बहादुरगढ़ देश में नॉन लेदर फुटवियर हब के रूप में पहचान बना चुका है। यहां पर देश का सबसे बड़ा फुटवियर पार्क है और 2000 से ज्यादा बड़ी फुटवियर इंडस्ट्री हैं। फिलहाल कोरोना की वजह से अमूमन फुटवियर इंडस्ट्री में उत्पादन नहीं हो रहा है। देश का 50 फीसद फुटवियर बहादुरगढ़ में बनता है। बहादुरगढ़ में बने फुटवियर को चीन के फुटवियर से टक्कर मिलती रहती है। सस्ते दाम के फुटवियर में तो बहादुरगढ़ के फुटवियर का बड़ा बाजार है लेकिन जब बात ब्रांडेड की आती है तो चाइना के फुटवियर के आगे बहादुरगढ़ में बना फुटवियर कहीं नहीं टिकता। इसके पीछे यहां के उद्यमी आयात नीति को जिम्मेदार मानते हैं, जिस कारण चीनी माल बहादुरगढ़ के मुकाबले काफी सस्ते में पड़ता है। यहां की 15 से ज्यादा बड़ी इंडस्ट्री जूते का निर्यात भी करती हैं। इस समय बहादुरगढ़ से करीब 150 करोड़ का जूता विदेशों में निर्यात होता है। बहादुरगढ़ के फुटवियर का मुख्य बाजार
बहादुरगढ़ में बनने वाले फुटवियर का मुख्य बाजार यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम, मेघालय समेत पूर्वाेत्तर के सभी राज्यों में है। साथ ही बांग्लादेश, नेपाल, भूटान समेत कुछ यूरोपीय देशों में बहादुरगढ़ में भी निर्यात होता है। यह है बहादुरगढ़ में फुटवियर कारोबार की स्थिति
- 02 हजार छोटी बड़ी इंडस्ट्री है बहादुरगढ़ में
- 01 हजार में होता है जॉबवर्क यानी जूते का अपर व सोल बनाने का काम
- 20 हजार करोड़ा का सालाना टर्न ओवर है़
- 01 लाख लोग सीधे तौर पर फुटवियर इंडस्ट्री में काम करते हैं
- 01 लाख करोड़ का पूरे भारत में फुटवियर का कारोबार
- 45-50 फीसद फुटवियर होता है आयात
- यहां पर आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र पार्ट ए व बी, रोहद, फुटवीयर पार्क सेक्टर 17, एचएसआइआइडीसी सेक्टर 16 व 4बी और पुराना औद्योगिक क्षेत्र में बनता है फुटवियर
(नोट: ये आंकड़े बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के महासचिव सुभाष जग्गा और वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा से लिए गए हैं। )
ये बोले उद्यमी:
चीन के उत्पाद से ही प्रतिस्पर्धा ज्यादा है। बजट में इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ी थी तो इसका चीन से होने वाले आयात पर असर पड़ेगा। इसी से भारतीय फुटवियर उद्योग को फायदा मिलेगा और अब स्वदेशी की मांग ज्यादा होगी तो बहादुरगढ़ के फुटवियर का बाजार जरूर बढ़ेगा।
-हरिशंकर बाहेती, सहसचिव, बहादुरगढ़ चैँबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज। यह सरकार का सही फैसला है। लोगों स्वेदशी अपनाएंगे तो कोरोना के इस संकट से यहां की इंडस्ट्री को उभरने का मौका मिलेगा। इससे देश के फुटवियर उद्योग को मुनाफा होगा।
- राजकुमार गुप्ता, प्रधान, फुटवीयर पार्क इंडस्ट्रीज एसोसिएशन बहादुरगढ़। प्रधानमंत्री के आह्वान पर अगर देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएगा तो यहां की इंडस्ट्री को भी काफी फायदा होगा। अगर बाहर से फुटवियर का आयात कम होगा तो जाहिर है कि बहादुरगढ़ में बने फुटवियर की मांग भारत में ज्यादा हो जाएगी।
-नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपप्रधान, बीसीसीआइ।