खेत खलिहान : बिजाई के 21 दिन बाद गेहूं में लगाए कोर, यूरिया का भी करें छिड़काव
- बरसात नहीं होने के कारण बिजाई के 35-40 दिन बाद सरसों में भी करें सिचाई
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिन किसानों ने गेहूं की अगेती बिजाई की हुई है वे कोर (पहला पानी) समय से लगाएं। जिसका असर फसल पर पड़ेगा। समय से कोर लगाने से गेहूं की फसल में अच्छी बढ़वार (ग्रोथ) होगी। जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की बिजाई नहीं की है वे बिना विलंब किए जल्दी से जल्दी गेहूं की बिजाई करें। साथ ही पछेती किस्मों का से ही बिजाई करें, तो गेहूं की फसल में पछेती बिजाई के कारण अधिक नुकसान ना हो। फिलहाल लगभग काफी किसान गेहूं की बिजाई कर चुके। ऐसे किसान अब गेहूं में पहली सिचाई की तैयारी करें। गेहूं की बिजाई के 21 दिन बाद पहली सिचाई की जाती है। जिन किसानों को गेहूं की बिजाई किए तीन सप्ताह हो चुके हैं, वे अब बिना देरी के सिचाई करें। साथ ही पहली सिचाई करने के बाद गेहूं की फसल में 35-40 किलो यूरिया का भी छिड़काव करें। जिससे गेहूं में बधवार शुरू हो। किसान सिचाई करने में देरी ना करें। देरी से सिचाई करने पर भी फसल को अधिक फायदा नहीं होगा। सरसों की बात करें तो बिजाई के बाद इस बार बरसात नहीं हुई है। जिस कारण सरसों में भी सिचाई की आवश्यकता है। किसान सरसों में आवश्यकता अनुसार सिचाई करें। सरसों की बिजाई के 35-40 दिन के बाद एक सिचाई कर दें। जिससे कि सरसों में पानी की कमी ना रहे। इस समय सरसों में भी सिचाई की आवश्यकता है। जिसको देखते हुए किसान व्यवस्था करें। सरसों में सिचाई के बाद खेत में 25-30 किलो यूरिया का भी छिड़काव कर दें। साथ ही किसान खेतों में खरपतवार नियंत्रण पर भी ध्यान दें। अगर खेत में खरपतवार रहेगी तो फसल पर इसका नुकसान होगा। इसलिए किसानों को खरपतवार का नियंत्रण करने की भी सलाह दी जा रही है। क्योंकि सिचाई के बाद खरपतवार बढ़ने की संभावना रहती है।
- कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. उमेश शर्मा ने कहा कि किसान गेहूं की बिजाई के 21 दिन बाद पहली सिचाई करें। साथ ही 35-40 किलोग्राम यूरिया का भी छिड़काव कर दें।