नागरिक अस्पताल में ओपीडी का आंकड़ा पहुंचा एक हजार के पार
जागरण संवाददाता, झज्जर: प्रतिदिन मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लग
जागरण संवाददाता, झज्जर: प्रतिदिन मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। लोग खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ रहे हैं। जिसके चलते सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी हैं। बृहस्पतिवार को नागरिक अस्पताल परिसर में ओपीडी का आंकड़ा एक हजार के करीब पहुंच गया। अन्य दिनों की अपेक्षा यह आंकड़ा करीब डेढ़ सौ से अधिक रहा। बीमारी के उपचार के अलावा लोग स्वास्थ्य जांच के लिए भी पहुंच रहे हैं। आंख, कान, नाक, गला और बीपी चैक करवाने वाले लोगों की संख्या में भी पहले से इजाफा हुआ हैं। चिकित्सक उपचार के अलावा ठंड से बचने के ठंडी वस्तुओं का सेवन नहीं करने, गर्म वस्त्र पहने और सुबह और शाम के समय बुजुर्गों को सैर नहीं करने की सलाह भी दे रहे हैं। उधर, ग्रुप डी की भर्ती का परिणाम आने के बाद मेडिकल की प्रक्रिया को पूरा करवाने वाले युवा भी काफी संख्या में अस्पताल परिसर में पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन एक सौ से अधिक संख्या में युवा यहां पहुंचते हुए अपना काम पूरा करवा रहे हैं। इससे भी अस्पताल परिसर में चिकित्सकों के कमरे के बाहर भीड़ लगी रहती है। ----खान-पान और पहनावे का रखें ख्याल बदलते मौसम में बीमारियां ज्यादा होती है। खान- पान सहित पहनावे का ध्यान नहीं रखने के कारण भी लोग बीमारियों की चपेट में आने लगते है। ऐसे मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार के अलावा अन्य अंगों पर भी इसका असर पड़ने लगता है। चिकित्सक दवा के साथ- साथ ठंड से बचने की सलाह भी दे रहे है। आंख रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अतुल रांगी कहते है कि मौसम में बदलाव के दौरान आंखों में जलन और एलर्जी की समस्या हो जाती है। ऐसे में चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवा के अलावा आंखों की मसाज करना, खाने में आंवला और विटामिन सी युक्त पदार्थ ज्यादा सेवन करना चाहिए। वहीं वरिष्ठ चिकित्सक संजीव हसीजा का कहना है कि ठंड के कारण बुजुर्गो में सास लेने की दिक्कत होने लगती है। ऐसे में बुजुर्ग नियमित रूप से चैकअप और दवा लेने के अलावा ठंड के समय नहीं घूमना चाहिए। ओपीडी
आयुवेर्दिक 17
दांतों की जांच 35
ईएनटी 46
आपातकालीन 46
सामान्य दवाई 237
जनरल सर्जरी 073
हेल्थ चैकअप 077
हौम्योपैथी 031
स्त्री रोग 116
आंख रोग 047
हड्डी रोग 084
बाल रोग 112