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पुलिस फोर्स के 78 जवानों ने दी कोरोना को मात, 129 का चल रहा उपचार

फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स के तौर पर ड्यूटी पर तैनात रहने वाले जिला पुलिस के अभी तक 209 जवान महामारी से संक्रमित हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 07:00 AM (IST)
पुलिस फोर्स के 78 जवानों ने दी कोरोना को मात, 129 का चल रहा उपचार

जागरण संवाददाता, झज्जर : फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स के तौर पर ड्यूटी पर तैनात रहने वाले जिला पुलिस के अभी तक 209 जवान महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित जवानों व उनके स्वजनों के स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए पुलिस लाईन झज्जर में स्थित डिस्पेंसरी तथा कम्युनिटी सेंटर को कोविड केयर सेंटर के तौर पर तब्दील कर दिया गया है। जहां पुलिस के जवानों व उनके स्वजनों के उपचार हेतु बैड, ऑक्सीजन व अन्य आवश्यक दवाओं का इंतजाम किया गया है। संक्रमित पाए गए अधिकतर जवानों को होम आइसोलेट करके चिकित्सकों की देखरेख में उपचार किया जा रहा है। डीएसपी राहुल देव ने प्रेस वार्ता में बताया कि संक्रमित 209 जवानों में से 78 जवान ठीक होकर नेगेटिव भी हो चुके हैं तथा 129 जवान अभी कोरोना पॉजिटिव चल रहे हैं। होम आइसोलेट जवानों की सुविधा व किसी भी प्रकार की समस्या के निवारण के लिए एक वाट्स एप ग्रुप भी बनाया गया है। ग्रुप के माध्यम से प्रत्येक जवान से लगातार संपर्क में रहता है। वाट्स एप ग्रुप के माध्यम से पुलिस लाइन डिस्पेंसरी प्रभारी द्वारा जवानों को लगातार किस समय कौन सी दवाई लेनी है, कब और कैसे भाप लेनी है, क्या खाना है, कैसे एक्सरसाइज करनी है, इत्यादि बारे समझाया जाता है। डीएसपी ने शनिवार को प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल के निर्देशानुसार संक्रमित जवानों के उपचार व उनकी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई किट तथा लॉकडाउन के दौरान की गई पुलिस व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। किट में सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, पैरासिटामोल, विटामिन सी की टेबलेटस, गिलोय वटी, आयुष काढ़ा, होम्योपैथिक दवाई, डिजिटल थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर तथा विशेष रूप से तैयार किया गया च्वयनप्राश शामिल किया गया है। किट सभी संक्रमित पुलिस जवानों के पास उनके घर पहुंचाई जा रही है। बताया कि झज्जर पुलिस में तैनात 50 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे पुलिस कर्मचारियों को जो किसी गंभीर बीमारी जैसे अस्थमा, तनाव/उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, कैंसर, शुगर या अन्य किसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित हैं तथा गर्भवती महिला पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी से छूट देते हुए उन्हें विश्राम दिया गया है। ताकि वे स्वयं के स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखते हुए किसी प्रकार से महामारी के संक्रमण से सुरक्षित रह सकें। छह दिन में दर्ज किए 123 मामले जिला की सीमाओं सहित अन्य स्थानों पर 55 से अधिक विशेष नाके लगाए गए हैं। लगातार फ्लैग मार्च भी निकाले जा रहे हैं। लॉकडाउन के नियमों का जानबूझकर उल्लंघन करने पर अनेक मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं तथा अनेक लोगों के बिना मास्क लगाए पाए जाने पर चालान भी किए गए हैं। बताया कि पुलिस का उद्देश्य लोगों के खिलाफ मुकदमे या चालान करने का नहीं है। बल्कि उन्हें संक्रमण से बचाए रखने का है। फिर भी कुछ लोगो द्वारा जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ती है। पुलिस द्वारा लॉकडाउन के दौरान पिछले करीब 6 दिन में 123 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिनमें 123 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसी अवधि के दौरान करीब 1500 व्यक्तियों के मास्क चालान भी किए गए हैं। चालान के साथ-साथ स्थानीय पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा मास्क भी निशुल्क वितरित किए गए हैं।

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