30 को सत्याग्रह आंदोलन के तहत दी जाएंगी गिरफ्तारियां
जागरण संवाददाता, झज्जर : सामान्य अस्पताल में कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रह
जागरण संवाददाता, झज्जर : सामान्य अस्पताल में कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों ने शनिवार को शहर में प्रदर्शन करते हुए कृषिमंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के निवास पर उनके प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया। इस दौरान सामान्य अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व सब-सेंटरों में कार्यरत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कार्यरत आशा वर्करों ने प्रदर्शन में भाग लेते हुए जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन से पूर्व सभी आशा वर्कर व विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी शहर के पं. श्रीराम शर्मा पार्क में एकत्रित हुए और धरना दिया। दोपहर बाद उन्होंने प्रदर्शन शुरू किया और शहर के छिकारा चौक होते हुए उनके निवास पर पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।
आशाओं का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को ज्ञापन देते हुए 30 जनवरी को सत्याग्रह आंदोलन के तहत उपायुक्त कार्यालय पर बड़ी संख्या में सामूहिक गिरफ्तारियां दी जाएगी। इस दौरान किसान नेता रामचंद्र यादव, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश व जिला सचिव राजेंद्र जुलाना और जिला प्रधान जयपाल गुढा ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार आशा वर्करों के संगठन से द्विपक्षीय वार्ता करके जनहित में समास्याओं का निदान करें। क्योंकि प्रदेश का स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है व प्रदेश में नोनिहाल, गर्भवती महिलाएं व बुजुर्ग स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे है। आशाएं शहर व ग्रामीण ईलाकों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करती हे। इनके प्रयास से ही प्रदेश के ¨लगानुपात में सुधार संभव हो पाया है और मृत्युदर में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इन सब सेवाओं को बदले सरकार इन्हें मानदेय के नाम पर हजार रुपये दे रही है। जबकि केरल व त्रिपुरा में 7000 रुपये और दिल्ली व गुजरात में 4500 रुपये मानदेय दिया जाता है।
आशा वर्करों की मुख्य मांगें :
- हमें न्यूनतम वेतन 18000 रूपये मासिक दिया जाए।
- हर कार्य क्षेत्र पर हाजरी रजिस्टर, कुर्सी व मेज मुहैया कराएं जाएं।
- शैल्फ अप्रैजल प्रफोरमा पर सभी तरह के हस्ताक्षर खत्म किए जाएं।
- ड्रेस का अलाउंस बढ़ाकर हजार रूपये व साल में दो बार दिए जाएं
- उनसे किसी तरह की रिपोर्ट व फोटो फोन पर न मांगे जाएं