मुख्यमंत्री के नाम पर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता, झज्जार : दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में एडमिशन नहीं होने के माम
जागरण संवाददाता, झज्जार : दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में एडमिशन नहीं होने के मामले में परेशान चल रहे विद्यार्थियो ने सोमवार को उपायुक्त डॉ. अंशज सिंह से मुलाकात की। शिक्षा मंत्री सहित अन्य के नाम सौंपे गए ज्ञापन में प्रभावित विद्यार्थियों ने इस मामले में सरकार के स्तर पर हस्तक्षेप करने की माग उठाई है। मुलाकात करने वाले छात्रों का कहना है कि जिस प्रकार से उनके साथ ऐसा अन्याय हुआ है। ऐसे में उनका पूरा वर्ष खराब होने का खतरा बना हुआ है। जिसको लेकर वह काफी चिंतित है। हुई इस मुलाकात में उपायुक्त ने भी छात्रों की बात को ध्यान पूर्वक सुनने के बाद उचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार किए गए प्रोस्पेक्टस में प्रेक्टिकल के अंकों को लेकर एक नया तर्क डाला गया है। जो कि प्रदेश के उन सभी छात्रों के लिए दिक्कत बनकर सामने आया है जो दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करने की आस लगाए थे। चूंकि दिल्ली में पहली कट ऑफ लग चुकी है और दूसरी लिस्ट का इतजार है। ऐसे में अगर यह नया नियम लागू रहता है तो शायद प्रदेश के टॉपर्स को भी दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले किसी भी महाविद्यालय में अब प्रवेश नहीं मिल पाएगा। अगर गौर करे तो नए तर्क के मुताबिक साइस विषय में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के 70 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा में से होने चाहिए। जबकि हरियाणा की बात हो यहा सेमेस्टर सिस्टम लागू है और उसमें लिखित परीक्षा 60 अंकों की होती है तथा प्रेक्टिकल के 20 अंक तथा 20 अंक सीसीई के रहते है। ऐसे में यह सभी छात्र जो कि हरियाणा से परीक्षा को पास करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में जाने की ईच्छा रखते थे, उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका बनकर सामने आया है। नए नियम के मुताबिक हरियाणा सहित राजस्थान, तेलंगाना तथा केरल से आने वाले विद्यार्थियों के प्रवेश प्रभावित होंगे।
कई दिनों से चक्कर काट रहे थे विद्यार्थी : दस जमा दो पास कर चुकी छात्रा अन्नू जिसके 95 प्रतिशत अंक तथा प्रियंका जिसके 94 प्रतिशत अंक आए है, दोनों का पहली कट ऑफ लिस्ट के मुताबिक हसराज कॉलेज में उनकी इच्छानुसार एडमिशन हो गया था। लेकिन 27 जून शाम को उनका डीडी उन्हे वापिस लौटा दिया गया था। तीन दिन तक लगातार दिल्ली में घूमकर कागजात पूरे करने सहित अन्य परेशानियों को उठाने के बाद उन्हे कहा गया कि प्रोस्पेक्टस में दिए गए नियम यह इजाजत नहीं देते कि उन्हे प्रवेश दिया जाए। ऐसे में अब इन छात्राओं का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रियंका ने तो इस उम्मीद में कहीं और एप्लाई भी नहीं किया है। चूंकि वह तथा उसका परिवार पहले से ही इस बात को लेकर आश्वस्त था कि इतने अंकों में प्रवेश तो मिल ही जाएगा।
सीएम हरियाणा से बंधी बच्चों को उम्मीद : परेशान हुए अभिभावक रमेश यादव तथा रमेश सैनी सहित अन्य विद्यार्थियो का कहना है कि उन्होंने उपायुक्त से मुलाकात करते हुए अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि बच्चों ने इतने अच्छे अंक आने के बाद कहीं भी एप्लाई नहीं किया था। जबकि स्थिति ऐसी बन गई है कि अब उन्हे एक वर्ष खराब होता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में अगर सभी बोर्डाें को ही बराबर त्वच्चो नहीं दी जाती तो ऐसी शिक्षा का ही क्या फायदा। उनका कहना है कि बच्चे मानसिक परेशानी से गुजर रहे है। बनी इस स्थिति में प्रदेश सरकार की ओर से कदम उठाया जाना चाहिए। ताकि होनहार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने पाए।