सेना में जाना चाहते थे युवा, मगर नहीं था मार्गदर्शन, कर्नल नेहरा ने थामा हाथ और दिखाई दिशा
हिसार के कर्नल नेहरा ने बताया कि जब अलग-अलग जगह तैनात रहे तो उन्होंने पाया कि युवा सेना में जाना तो चाहते हैं मगर उनके पास मार्गदर्शन की कमी है। ऐसे में तभी से उन्होंने विद्यार्थियों को जम मौका मिलता था तो सेना से जुड़ी जानकारी देनी शुरू की।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के न्याणा गांव के कर्नल धर्मबीर नेहरा हिसार जिले के सैकड़ों युवाओं को सेना में दाखिल करा चुके हैं। अपनी नौकरी के दौरान उन्हें जगह-जगह जाने का अवसर मिला। जिसमें उन्होंने देखा कि युवा सेना में जाना चाहता है मगर उनके पास मार्गदर्शक की कमी है। ऐसे में वह जहां भी तैनात रहते युवाओं को सेना में जाने के रास्ते बताया करते।
30 गांव की यात्रा की
हिसार में वन हरियाणा आरएंडवी एनसीसी विंग की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने युवाओं को एनसीसी की तरफ प्रेरित किया। अब वह काउंसलिंग के माध्यम से युवाओ को सेना के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं। सिर्फ यह नहीं बल्कि उन्होंने 1971 में हिसार जिले के 17 शहीदों के परिवारों से एक-एक बच्चे को लेकर 21 सदस्यीय साइकिल यात्रा निकाली। यह यात्रा 30 गांव से होते हुए गए। जिस गांव में भी उनकी टीम रुकती वहां युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया जाता।
यह रहा कर्नल नेहरा का सफर
कर्नल नेहरा का जन्म 20 मई 1964 को न्याणा गांव में हुआ। कक्षा चार तक गांव में सरकारी स्कूल में पढ़े। इसके बाद पांचवीं से लेकर 11वीं तक सैनिक स्कूल फिर आगे चलकर एनडीए की लिखित परीक्षा साक्षात्कार चार बार पास किया। मगर हर बार मेडिकल अनफिट होने के कारण एनडीए ज्वाइन नहीं कर सके। उन्होंने 12वीं स्पोर्ट्स स्कूल राई से किया। इसके बाद वेटरनरी कालेज हिसार से वीवीएससी करने के बाद वहीं पर एनिमल न्यूट्रिशन में पीजी की।
250 किलोमीटर का सफर तय किया
इसी दौरान 1987 में आर्मी में एक वेटेनेरियन चिकित्सक के रूप में लेफ्टिनेंट पद पर चयन हो गया। वह देश में पहले ऐसे अफसर हैं जिसने एसएसबी पांच बार पास करके फिर फौज में कमीशंड हुए। वहीं नागालैंड, सिक्किम, अरुणाचल, जम्मूकश्मीर में सेवाएं दे चुके हैं। इसके साथ ही वह रिमाउंट वेटरनरी कोर के सेंटर में डाग ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग के इंस्ट्रक्टर भी रह चुके हैं। वहां पर उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें आर्मी कमांडर आरट्रेक का कमंडेशन मैडल भी मिली। इसके साथ ही हिसार में छह दिन की घुड़सवारी रैली आयोजित कराई जिसमें 30 गांवों से होते हुए 250 किलोमीटर का सफर तय किया गया। नार्थ इंडिया में इस प्रकार की पहली घुड़सवारी रैली थी। यहां सेनाध्यक्ष का कमंडेशन मैडल प्राप्त हुआ।
युवाओं को ऐसे सेना से जोड़ा
कर्नल नेहरा ने बताया कि जब अलग-अलग जगह तैनात रहे तो उन्होंने पाया कि युवा सेना में जाना तो चाहते हैं मगर उनके पास मार्गदर्शन की कमी है। ऐसे में तभी से उन्होंने विद्यार्थियों को जम मौका मिलता था तो सेना से जुड़ी जानकारी देनी शुरू की। इसके साथ ही कुछ समय पहले उन्होंने रोहतक में नेहरा खाप द्वारा आयोजित सेमिनार में युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया इसके साथ ही उनके प्रश्नों के जवाब दिए। ताकि अधिक से अधिक युवा सेना में जाकर अपना योगदान दे सकें।
अपने गांव में भी युवाओं को किया प्रेरित
गांव न्याणा में स्कूल के बच्चों और दूसरे गांवों के बच्चों को भी एनसीसी की तरफ जाने के लिए प्रेरित किया। ताकि एनसीसी सी सर्टिफिकेट के माध्यम से वह सेना में आसानी से भर्ती हो जाएं। वह हिसार जिले के सैकड़ों युवाओं को सेना की तरफ प्रेरित कर चुके हैं। जिसमें कई युवा तो सेना में भर्ती भी हुए हैं। सिर्फ यह नहीं बल्कि सेना में अफसर भी बने हैं।