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झज्‍जर में ट्रॉली लेकर घर से आगे से जा रहे युवक की हत्या, बुझ गया घर का इकलौता चिराग

गांव रूड़ियावास में शनिवार-रविवार मध्य रात्रि ट्रॉली पर तूड़ा लेकर जा रहे युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या की गई है। मृतक की पहचान करीब 30 वर्षीय धमेंद्र पुत्र ईश्वर के रूप में हुई हैं। जो कि भाड़े पर ट्रैक्टर आदि चलाकर अपने घर की गुजर बसर चला रहा था।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 11:17 AM (IST)
झज्‍जर में ट्रॉली लेकर घर से आगे से जा रहे युवक की हत्या, बुझ गया घर का इकलौता चिराग
झज्‍जर में चाकुओं से गोदकर एक युवक की हत्‍या कर दी गई

झज्‍जर/साल्हावास, जेएनएन। साल्‍वावास क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव रूड़ियावास में शनिवार-रविवार मध्य रात्रि ट्रॉली पर तूड़ा लेकर जा रहे युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या की गई है। मृतक की पहचान करीब 30 वर्षीय धमेंद्र पुत्र ईश्वर के रूप में हुई हैं। जो कि भाड़े पर ट्रैक्टर आदि चलाकर अपने घर की गुजर बसर चला रहा था। हत्या करने का आरोप जिला परिषद का चुनाव लड़ चुके सोनू एवं अन्य युवकों पर लगा हैं। वारदात उस समय अंजाम दी गई। जब धमेंद्र सोनू के घर के सामने से तूड़े से भरी ट्रॉली लेकर जा रहा था।

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दोनों पक्षों में इसी दौरान कहासुनी से शुरु हुआ विवाद एकाएक बढ़ गया। जिसमें सोनू एवं अन्य ने चाकुओं से गोदकर धमेंद्र की हत्या कर दी। सूचना के बाद मातनहेल चौकी प्रभारी नरेश एवं साल्हावास थाना प्रभारी निरीक्षक रामकरण दहिया मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना करते हुए तथ्य जुटाएं हैं। शव को कब्जे में लेते हुए सिविल अस्पताल में लाया गया। अभी परिवार की ओर से शिकायत दिए जाने का इंतजार है। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

इकलौता बेटा था धमेंद्र, पिता की पांच साल पहले हुई थी मौत

शनिवार रात को हुई इस हत्या के बाद से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ हैं। पुलिस की टीम भी गांव की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। जिस युवक पर आरोप लगा है। बताते है कि उस सहित कुछ युवक गिरोह बनाकर रहते हैं। बहरहाल, होने वाली जांच के बाद ही हर तरह की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इधर, धमेंद्र अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। पिता की करीब पांच साल पहले बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है। एक बहन है। वह भी शादी-शुदा हैं। करीब डेढ़ साल का एक बेटा है। परिवार की गुजर बसर चलाने के लिए धमेंद्र ने ट्रैक्टर लोन पर लिया हुआ था। जिसे भाड़े पर चलाते हुए वह अपने परिवार का गुजारा चला रहा था।


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