यहां युवतियां भी हेरोइन और गांजे की शौकीन, छात्राएं तक तस्करी में संलिप्त Hisar news
कालेजों में खुद का करियर बनाने के लिए जाने वाली युवतियां अपना कैरियर खराब करके लौट रही हैं। इसका खुलासा नशा की चपेट में आई युवतियां की काउंसिलिंग के बाद हुए सर्वे में सामने आया है
फतेहाबाद/हिसार [मुकेश खुराना] नशा करने में युवा आगे नहीं बल्कि महिलाएं भी पीछे नहीं है। नशा को लेकर हमेशा चर्चा में रहे फतेहाबाद में युवतियां भी इससे दूर नहीं है। कोई हेरोइन का नशा ले रहा है तो कोई गांजा पी रहा है। यहां तक की नशा के शौक को पूरा करने के लिए तस्करी तक कर रही हैं। इसके पीछे जो कारण सामने आए हैं वो चौकाने वाले हैं, यहां से बाहर के कालेजों में खुद का करियर बनाने के लिए जाने वाली युवतियां अपना कैरियर खराब करके लौट रही हैं। इसका खुलासा नशा की चपेट में आई युवतियां की काउंसिलिंग के बाद हुए सर्वे में सामने आया है।
मुख्य तौर पर पंजाब के कॉलेजों में जाकर पढऩे वाली अधिकतर युवतियां नशा की आदी हो रही हैं। पढऩे की जगह यहां पर संगत में बैठकर हेरोइन के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। नशा मुक्ति केंद्र में 15 दिन के अंदर नशा के आदी तीन युवतियां सामने आ चुकी हैं। इसमें कुछ युवतियां ऐसी भी हैं जो नशा के लिए तस्करी से भी जुड़ चुकी हैं।
केस एक
नशा छुड़वाने के लिए पिछले दिनों मनोचिकित्सक के पास एक केस पहुंचा। युवती की जब काउंसिङ्क्षलग की गई तो उसमें सामने आया है कि वह कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही हेरोइन लेने की शौकीन हो गई। युवती के मुताबिक पंजाब के एक कालेज में पढ़ाई के दौरान युवतियां हेरोइन का नशा लेती थी, यहां पर पहली बार नशा का इंजेक्शन लिया और इसके बाद नशा लेने की शौकीन हो गई। आदत यहां तक हो गई कि रोजाना हेरोइन लेना शुरू कर दिया।
केस दो
करीब 21 साल की युवती ने संगत में दोस्तों के साथ पहली बार नशा लिया और इसके बाद हेरोइन और गांजा का नशा लेना शुरू कर दिया। नशा की जरूरत को पूरा करने के लिए तस्करी से भी जुड़ गई। युवती नशा की तस्करी में पकड़ी भी जा चुकी है। अब नशा छोडऩे का प्रयास कर रही है है।
केस तीन
दर्द से आराम लेने के लिए लिया गए चूरापोस्त ने महिला को उसका आदी बना दिया। अब महिला रोजाना चूरापोस्त ले रही है। नशा छुड़वाने के लिए पहुंची महिला ने काउंसिङ्क्षलग के दौरान बताया कि दर्द से आराम के लिए उसने पहली बार चूरापोस्त लिया था, लेकिन इसके बाद वह इसकी आदी हो गई।
नाबालिग भी नशे के शौकीन, 110 केस आए सामने
स्कूल में पढऩे की उम्र में नाबालिग भी नशा के शौकीन हो चुके हैं और हेरोइन, गांजा, अफीम तक के नशा ले रहे हैं। यहां तक की मेडिकल नशा भी ले रहे हैं। पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल मार्च तक 110 केस नाबालिग से जुड़े सामने आए हैं। जो कि एक बार सिर्फ ट्राई के चक्कर में नशा के आदी हो चुके हैं।
जानिए 15 दिन में कितना पकड़ा गया जिले से नशा
हेरोइन - 186 ग्राम
नशीली गोलियां - 21 हजार 140
सिरप - 21 बोतल
चूरापोस्त - 58 किलो
नशा के साथ बरामद नकदी - 8 लाख रुपये
अफीम - 860 ग्राम
स्मैक - 2.20 ग्राम
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नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचे मरीज
मरीज पहुंचे - 450
नशा छोड़ा - 62
खुद को ऊंचा दिखाने के लिए किया जा रहा नशा
मनोवैज्ञानिक डॉ. गविंद्र कौर ने कहा कि नशे के पीछे पर्सनेल्टी इश्यू मुख्य कारण बन चुका है। युवा पीढ़ी खुद को ऊंचा दिखाने के लिए नशा कर रहा है। दूसरा कारण अकेलापन है, तनाव में होने के बाद नशा लेना भी कारण है। तीसरा मुख्य कारण बॉडीपेन से आराम लेने के लिए लिया गया नशा है। इसके बाद फिर इसके आदी हो जाते हैं। नाबालिग भी नशा की चपेट में हैं, इसके पीछे मुख्य कारण संगत है, दूसरा एक बार स्वाद लेने के लिए लिया गया नशा है। तीसरा मुख्य कारण इस उम्र में बच्चे सही और गलत की पहचान नहीं कर पाते हैं।
तस्करों को पकड़वाने के लिए जारी किए हुए हैं नंबर - एसपी
फतेहाबाद पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले 15 दिन में काफी मात्रा में जिला से नशा पकड़ा जा चुका है, नशा जुडे कई गावों व शहर की दो प्रमुख कालोनियों में सर्च अभियान चलाकर नशा पकड़ा गया है। लोगों व खासकर युवाओं को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। इसके अलावा नशा तस्करों को पकड़वाने के लिए भी नंबर जारी किए जा चुके हैं।
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