कैंसर की थीम 'मैं हू और रहूंगा' को किया चरितार्थ, हिसार के वजीर ने धूम्रपान छोड़ा और दी कैंसर को मात
विश्व कैंसर दिवस विशेष मैं हूं और मैं रहूंगा बात को चरितार्थ करते हुए हिसार जिले के नारनौंद के गांव राखी शाहपुर निवासी 65 वर्षीय वजीर सिहं ने कैंसर को मात दी है। वजीर ने हिम्मत ना हारते हुए जानलेवा बीमारी का सामना किया।
हिसार [सुभाष चंद्र] विश्व में हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2019 से 2021 तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय रखा गया है 'मैं हूं और मैं रहूंगा' इसका मतलब है कि हर किसी में क्षमता है कि वह कैंसर से लड़ सकता है। इसी बात को चरितार्थ किया है नारनौंद के गांव राखी शाहपुर निवासी 65 वर्षीय वजीर सिहं ने। वजीर ने हिम्मत ना हारते हुए जानलेवा बीमारियों में सबसे खतरनाक कैंसर को मात दी है।
वजीर सिंह पब्लिक हेल्थ में ट्यूबवेल ऑपरेटर के पद से 2013 में रिटायर हुए थे। जनवरी 2019 में उनकी गर्दन के पीछे गांठ हुई थी। जिससे उनका जीना मुहाल हो गया था। उन्होंने अग्रोहा मेडिकल से चेक करवाया तो पता लगा कि उसे गर्दन का कैंसर है। जिसके चलते वह शरीर में थकावट, मन उदास रहना, गर्दन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। वजीर सिंह ने बताया कि उन्हें अग्रोहा में जब कैंसर होने का पता लगा तो उस दौरान उपचार के लिए रोहतक मेडिकल के लिए बोला गया।
लेकिन उन्होंने शहर के एक निजी अस्पताल में ही उपचार करवाना उचित समझा। वजीर ने बताया कि उन्होंने अपना उपचार शहर के एक निजी अस्पताल में करवाना शुरु किया। सिर्फ दो साल के अंदर ही वह इस बीमारी से मुक्त हो चुके है, अब वह सिर्फ एहतियात के तौर कुछ दवाएं लेते है, ताकि यह बीमारी दोबारा ना हो। धुम्रपान करते थे जिसे छोड़ दिया।
जब पता लगा कैंसर है तो सोचा ठीक नहीं हो पाउंंगा
वजीर ङ्क्षसह ने बताया कि जब उसे जांच के दौरान पता लगा कि उसे कैंसर है तो लगा कि जैसे ङ्क्षजदगी थम गई है, विश्वास ही नहीं था कि अब ठीक हो पाएगा। लेकिन भगवान की दया से और उपचार करवाने पर दो वर्ष के अंदर ही स्वस्थ हो गया। अब तो कीमोथैरेपी के दौरान वजीर की दाड़ी के जो बाल उड़ गए थे, वे भी वापस आने शुरु हो गए है।
भाई की कैंसर से हुई थी मौत
वजीर सिंह ने बताया कि उसके भाई की कैंसर के चलते मौत हो गई थी। लॉकडाउन में उसके भाई को पूरा उपचार नहीं मिला पाया था। जिसके चलते उसके भाई की मौत हो गई थी।
बासी खाने से परहेज किया, धूम्रपान कर दिया था बंद
वजीर ने बताया कि डाक्टर ने उसे बासी खाना खाने से मना किया था। वहीं धूम्रपान बीड़ी, सिगरेट व हुक्का बिलकुल बंद कर दिया। वजीर ने बताया कि उनका मन नहीं होता था, लेकिन अंडे भी खाए। जिससे वह स्वस्थ होने शुरु हो गए। वहीं फलों का बहुत अधिक प्रयोग किया।
विश्व कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है
इसके पूर्व पहचान या रोकथाम के लिए कैंसर से बचाव के उपाय और खतरों के बारे में आम लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (यूआईसीसी) द्वारा की गई। इसका लक्ष्य 2020 तक कैंसर से होने वाली मौतों को कम करना है।
सिविल अस्पताल में चलाया जाएगा जारूकता अभियान
विश्व कैंसर दिवस पर वीरवार को सिविल अस्पताल में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान नर्सिंग हॉस्टल में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाएगी। साथ ही छात्राओं को उपहार भी दिए जाएंगे।
जिले में कैंसर के 321 मरीज
जिले में फिलहाल कैंसर के 321 मरीज है। इनमें से 108 नए केस है। जबकि 213 पुराने केस है। कैंसर रोगियों के फ्री बस पास बनवाए जाते है। जहां तक प्रदेश की रोडवेज बसें जाती है उन जगहों तक कैंसर रोगियों के पास बनाए जाते है। वहीं एक अटेंडेट उनके साथ फ्री यात्रा कर सकता है।