हिसार के विकास के लिए सीएम की घोषणाएं, निकायमंत्री के निर्देश, फिर भी 7 साल 4 महीने बाद कार्य अधूरा
हिसार के विकास को रफ्तार देने वाले प्रोजेक्ट 7 साल 4 माह और 28 दिन बाद आज तक भी अधूरे हैं। जिसके लिए हरियाणा के सीएम इन पर पूर्व में अफसरों से जवाब भी ले चुके है। निकायमंत्री अफसरों को प्रोजेक्टों को सिरे चढ़ाने के लिए दिशा निर्देश भी दिए।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार को विकास देने वाले प्रोजेक्ट पर मेयर गौतम सरदाना ने प्रदेश मुख्यमंत्री से बातचीत करने की तैयारी कर रखी है। यदि कार्यक्रम के एजेंडे के अलावा शहर के विकास के मुद्दों पर भी बातचीत हुई तो उन्होंने करीब 10 ऐसे विकास के मुद्दों की लिस्ट तैयार की है जिस पर 28 मई को सीएम से बातचीत करेंगे। ताकि उन्हें सिरे चढ़ाया जा सकें। इनमें सीएम घोषणा प्राेजेक्ट डेयरी शिफ्टिंग से लेकर शहर की सुरक्षा के मुद्दें पर बातचीत करने का मन बनाया है।
सीएम से बातचीत करने का मुख्य कारण है कि शहर के विकास को रफ्तार देने के लिए 7 साल, 4 माह और 28 दिन पूर्व प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार शहर के विकास को रफ्तार देने के लिए तीन महत्वाकांक्षी घोषणाएं की। जिसमें सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, डेयरी शिफ्टिंग और मल्टी स्टोरी पार्किंग शामिल है। नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारियों और इंजीनियरों की कार्यप्रणाली इतनी बेहतरीन है कि 29 दिसंबर 2014 में की गई सीएम घोषणाएं के तहत बने प्रोजेक्ट आज तक अधूरे है।
सीएम इन पर पूर्व में अफसरों से जवाब भी ले चुके है। निकायमंत्री अफसरों को प्रोजेक्टों को सिरे चढ़ाने के लिए दिशा निर्देश भी दिए। बावजूद इसके विकास को अफसरों ने आज तक रफ्तार नहीं दी। यहीं कारण है कि अब तक शहर में पशु डेयरियों से लेकर कचरा प्रबंधन तक बेहतर नहीं है। जनता को अफसरों की सुस्त व धीमी कार्यप्रणाली का खामियाजा परेशानियां झेलकर भुगतना पड़ रहा है।
ये तीन महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जो आज तक अधर में अटके (सीएम घोषणा 29 दिसंबर 2014 )
1. सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट : सरकार ने प्लांट के लिए 23 करोड़ 72 लाख 80 हजार रुपये की राशि जारी की थी। गांव काजला के पास प्लांट के लिए सरकारी जमीन भी चिन्हित की। इस प्लांट से हिसार, हांसी, बरवाला, नारनौंद का करीब 200 टन कचरा प्रतिदिन डंप होगा। हैरानी की बात यह है कि नगर निगम प्रशासन आज तक प्लांट लगाने के लिए कागजी औपचारिकताओं से बाहर ही नहीं निकल पाया है। यहीं कारण है कि आज भी शहर का कचरा खुल में डाला जा रहा है और बजट की एक बड़ी राशि उस कचरे के निष्तारण पर खर्च हो रही है।
2. मल्टी स्टोरी पार्किंग : सिटी थाना के सामने मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रोजेक्ट बनाया। राजकीय पशुधन फार्म की 2 एकड़, एक कनाल और 12 मरले जमीन ली। यह प्रोजेक्ट आज तक पाइपलाइन में ही है। अफसरों की सुस्ती कहें या अन्य कोई कारण लेकिन यदि इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम होता तो आज नागोरी गेट मार्केट, गुलाब सिंह मार्केट, जैन गली, श्याम गली, मोतीबाजार, खजानचियान व कटला मार्केट और सिटी थाना के आसपास की दुकानों तक की पार्किंग की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता था। लेकिन वास्तविकता जनता के सामने है।
3. डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट : पशु डेयरियों को शहर से बाहर करने के लिए डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट करीब दो दशक से कागजों में ही है। करीब 50 एकड़ जमीन चिन्हित की और 410 डेयरी संचालकों के लिए प्लाट बोली की। लेकिन आज तक यह प्रोजेक्ट कागजों में ही है। इसके अलावा यह प्रोजेक्ट एयरपोर्ट से चंद मीटर की दूरी पर ही है ऐसे में यह जमीन नियमों पर खरी है या नहीं यह भी एक संशय है। इस प्रोजेक्ट को लेकर सीएम और मेयर तो गंभीर दिख रहे है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कितने गंभीर है यह प्रोजेक्ट की प्रगति बयां कर रही है।
मेयर इन मुद्दों पर बातचीत करने की कि तैयारी
- पशु डेयरी शिफ्टिंग
- नई सब्जीमंडी के सामने मार्केट कमेटी की सड़क।
- शांतिनगर में महावीर कालोनी से सेक्टर 1-4 को जोड़ने वाली सड़क निर्माण।
- राजगढ़ रोड को तोशाम रोड से जोड़ने वाली सड़क निर्माण।
- कामर्शियल दुकानों के बने बेसमेंट को वैध करवाने की मांग।
- सीसीटीवी प्रोजेक्ट निगम बजट खर्च कर निगम के माध्यम से भी सिरे चढ़ाने की मांग।
मेयर के अनुसार
प्रदेश मुख्यमंत्री से शहर के विकास के मुद्दों पर बातचीत हुई तो शहर से जुड़े कई मुद्दों उनके सामने रखूंगा। इसमें डेयरी शिफ्टिंग से लेकर सड़क निर्माण व सीसीटीवी से जुड़े मुद्दे है।
---- गौतम सरदाना, मेयर, नगर निगम हिसार।