अपनों से परायापन झेल रही महिलाएं तलाश रही सुकून, काउंसिलिंग के लिए 120 पहुंची अस्पताल
सिविल अस्पताल में 17 सितंबर को खोला था सुकून सेंटर। महिलाओं और लड़कियों के साथ मारपीट दुष्कर्म सुसाइड के मामलों में की जाती है काउंसिलिंग। पिछले 83 दिनों में 120 महिलाएं पहुंची
हिसार [सुभाष चंद्र] बढ़ते क्राइम को देखें तो महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा यानि विवाहिताओं के साथ मारपीट के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हिसार जिले के सिविल अस्पताल में इसी वर्ष महिलाओं व लड़कियों से मारपीट, दुष्कर्म व सुसाइड के प्रयास के मामलों में उन्हें काउंसिलिंग देने के लिए 17 सितंबर को सुकून सेंटर खोला गया था। सुकून सेंटर में पिछले 83 दिनों में 120 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 80 मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हैं। इन मामलों में विवाहिताओं के साथ बातचीत में सामने आया है कि विवाहिता महिलाओं के साथ घरों में सबसे अधिक मारपीट होती है।
इनमें विवाहिता के साथ उनके पति शराब पीकर मारपीट करते हैं साथ ही सास, देवर, ननद दहेज के लिए भी मारपीट करते हैं। आज के समय में यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं, क्योंकि देश में लगातार महिलाओं व बेटियों के प्रति बढ़ रहे अपराधों के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इन मामलों से जुड़ी महिलाओं को सुकून सेेंटर में काउंसिलिंग के बाद राहत मिली है और ऐसी कई महिलाएं अब अपनी जिंदगी सामान्य तरीके से गुजार रही हैं।
सुकून सेंटर में दी जा रही है यह सुविधाएं
सुकून सेंटर में महिलाओं व लड़कियों के लिए डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी से एडवोकेट की सुविधा दी गई है, साथ ही अगर जरूरत पड़े तो एफआइआर भी करवाई जाती है। सुकून सेंटर में उन्हें मनोवैज्ञानिक की मदद भी दी जाती है। अगर किसी महिला व लड़की को जॉब की जरूरत हो या गाइडेंस की जरूरत हो तो यह सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है। कुछ महिलाओं को सुकून सेंटर के जरिये जॉब भी मिली है। विभिन्न मामलों में महिलाओं की लगातार काउंसिलिंग की जाती है, जिसके बाद उनका फालोअप भी लिया जाता है।
दुष्कर्म पीडि़ताओं की जिंदगी आसान बनाने के लिए भी दी जाती है काउंसिलिंग
सुकून सेंटर में महिलाओं व लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में भी उन्हें काउंसिलिंग देकर उन्हें जिंदगी की मुश्किल परिस्थितियों से लडऩे और सामान्य जीवन जीने के लिए उनकी काउंसिलिंग की जाती है। वहीं सुसाइड मामलों के प्रयासों में भी काउंसिलिंग कर उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने का काम किया जाता है। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तथा अन्य डाक्टर्स को लगता है कि किसी मरीज को सुकून के जरिये काउंसिलिंग की जरूरत है तो ऐसे मामले सुकून सेंटर में भेजे जाते हैं।
सुकून सेंटर की सलाह से बसे कई लोगों के घर
सुकून सेंटर के जरिये कई लोगों के घर बसे हैं। सुकून सेंटर में काउंसलर तान्या ने बताया कि कई मामले पति-पत्नी के झगड़ों के आते हैं। इनमें महिलाओं की काउंसिलिंग की गई। महिलाओं की काउंसिलिंग के बाद कई महिलाओं ने अपने पति से समझौता भी किया, जिससे अब वह सुकून की जिंदगी बिता रही हैं।
---सुकून सेंटर के जरिये काउंसिलिंग लेने आने वाली महिलाओं के लिए शेल्टर होम पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाने की कोशिश करेंगे। सुकून सेंटर के जरिये महिलाओं व लड़कियों से उनकी परेशानियों को जानकर उन्हें उचित सलाह देकर उनकी जिंदगी को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है।
डा. संजय दहिया, सीएमओ, हिसार।