बेटा पैदा न होने पर तानों से तंग आकर चार बेटियों की मां ने दे दी जान
चार लड़कियों के पैदा होने के कारण महिला को उसका पति रमेश सास और ससुर तथा उसकी दो ननदें जब भी मायके आती थी तो ताने मारती थी। साथ में विवाहिता को लड़की पैदा करने की मशीन कहती थी
बरवाला, हिसार। जेएनएन। समाज बेटा-बेटी के बीच फर्क नहीं रहने की बात तो करता है, मगर अभी भी बहुत से परिवार ऐसे हैं जिनके लिए बेटी बेटे से बढ़कर नहीं है। बरवाला में एक ऐसे ही परिवार के बेटा न होने पर दिए जाने वाले तानों से तंग आकर चार बेटियों की मां ने अपनी जान दे दी। बरवाला पुलिस ने इस संदर्भ में मृतका सुमन के भाई फतेहाबाद की ऑफिसर कॉलोनी निवासी हनुमान सिंह के बयान पर पति रमेश, सास सजना, ससुर साधु राम और दो ननदों सुनीता और आरती के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। मृतका का हिसार में पोस्टमार्टम करवा अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मगर यह घटना कई तरह के सवालों को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है।
ननदें कहती थी लड़की पैदा करने की मशीन
जांच अधिकारी बरवाला पुलिस चौकी इंचार्ज इंद्र सिंह गोदारा ने बताया कि मृतका के भाई हनुमान सिंह ने दर्ज कराए केस में आरोप लगाया कि उसकी बहन को चार लड़कियां पैदा हुई जो कि ससुराल पक्ष को गवारा नहीं थी। चार लड़कियों के पैदा होने के कारण बहन को उसका पति रमेश, सास और ससुर तथा उसकी दो ननदें जब भी मायके आती थी उसकी बहन को ताने मारती थी और साथ में उसे लड़की पैदा करने की मशीन कहती थी।
दूसरी शादी करवाने की कहती थी बात
आरोप है कि ननदें अपनी मां यानी सुमन की सास को भी बहकाती थी कि इसे छोड़ दो और हम रमेश की नई शादी करा देते हैं। इस कारण उसकी बहन घर आ कर बैठ गई। इसके बाद पंचायत हुई और वह लोग उसे लेकर चले गए। एक बार पहले भी ऐसा हुआ था जिसमें पंचायती फैसला लिखित रूप में हुआ था और वह घर ले गए थे। अब उन्होंने उसको दोबारा परेशान करना शुरू कर दिया। इन्ही तानों की वजह से उसकी हिम्मत जवाब दे गई और वह बुरी तरह से टूट चुकी थी। भाई हनुमान ने आरोपित लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
लड़की या लड़का पैदा होना पिता के क्रोमोजोम पर निर्भर
विशेषज्ञों के अनुसार शुक्राणु दो तरह के होते है जिन्हें साइंस की भाषा में क्रोमोजोम (chromosome) कहते हैं। जो X क्रोमोजोम और Y क्रोमोजोम होते है पुरुष में ये दोनों तरह के X और Y क्रोमोजोम पाए जाते हैं। जबकि स्त्री के अंडाशय में केवल दो XX क्रोमोसोम ही होते हैं। जब सम्भोग के बाद पुरुष के वीर्य का Y क्रोमोजोम महिला के अंडे (eggs) से मिलता है तब लड़का पैदा होता है और यदि गर्भाधान के समय यदि स्त्री के X क्रोमोसोम पुरुष के X क्रोमोसोम से मिल जाये तो लड़की का जन्म होता है। ऐसे में बेटा या बेटी पैदा होना महिला पर निर्भर नहीं करता बल्कि ये एक एक सतत प्रक्रिया है।