जानकर चौंक जाएंगे, हरियाणा के विधानसभा चुनावों में कुछ सीटों पर बनते थे दो-दो विधायक
1952 के चुनाव में प्रदेश की सात सीटों पर तथा 1957 के चुनावों में 10 सीटों पर बने थे दो-दो विधायक। झज्जर विधानसभा सीट पर हुए पहले दोनों चुनावों में बने थे दो-दो विधायक जानें क्यों
बहादुरगढ़ [कृष्ण वशिष्ठ] क्या कभी आपने एक सीट पर दो विधायक बनने की बात सुनी है। शायद नहीं सुनी हो। मगर ऐसा भी होता था। आजादी के बाद विधानसभा के आम चुनाव 1951-52 में हुए थे। उस समय हरियाणा पंजाब का ही हिस्सा था। 1966 में जब हरियाणा अलग प्रदेश बना तो उस समय संयुक्त पंजाब में विधानसभा के तीन चुनाव हो चुके थे। पहले दो चुनावों का अगर हम जिक्र करें तो विधानसभा की कई सीटें ऐसी थी जिन पर दो-दो विधायक चुने जाते थे।
इन सीटों पर एक विधायक सामान्य श्रेणी से तो दूसरा अनुसूचित जाति व पिछड़ी जातियों से चुना जाता था। ऐसी प्रक्रिया 1952 और 1957 के चुनाव में थी। 1962 के चुनाव में अनुसूचित जाति की सीटें अलग से बना दी गई। ऐसे में 1962 में एक सीट पर एक ही विधायक चुना जाने लगा। उस समय हरियाणा के हिस्से में भी कई ऐसी सीटें थी जहां से दो-दो विधायक चुने जाते थे।
इनमें झज्जर व गोहाना दो ऐसी सीटें थी, जिन पर दोनों चुनावों में दो-दो विधायक चुने गए थे। झज्जर से शेर सिंह दोनों ही चुनावों में विधायक बने थे। वहीं 1952 में चांदराम तो 1957 में फूल सिंह झज्जर से दूसरे विधायक बने थे। देवीलाल के सहयोगी रहे बहादुरगढ़ निवासी जोगेंद्र हुड्डा बताते हैं कि संयुक्त पंजाब में कई सीटों पर एक सामान्य श्रेणी से तो दूसरा अनुसूचित जाति से विधायक बनता था। दोनों के लिए वोट पड़ते थे। शेर सिंह और चांदराम जब झज्जर से पहली बार विधायक बने थे तो उस समय दोनों मंत्री भी बने थे।
1952 के चुनावों में इन सीटों पर बने थे दो-दो विधायक:
सीट विधायक-एक विधायक-दो
फतेहाबाद दलबीर सिंह गंगाराम
भिवानी रामकुमार मामराज
गोहाना मामचंद नान्हूराम
झज्जर शेर सिंह चांदराम
रेवाड़ी अभय सिंह चुन्नीलाल
बुटाना रामस्वरूप फग्गू राम
मोलाना रतन अमोल सिंह रामप्रकाश
1957 के चुनावों में इन सीटों पर बने थे दो-दो विधायक:
नारायणगढ़ साधूराम रोशनलाल
जगाधरी रामप्रकाश अमरनाथ
थानेसर रण सिंह बनारसी दास
जींद इंद्र सिंह भाला राम
गोहाना भरत सिंह छाजूराम
झज्जर शेर सिंह फूल सिंह
पलवल भूलेराम गुरदत्त
दादरी अतर सिंह शीशराम
हांसी दलवीर सिंह सरूप सिंह
सिरसा रामदयाल केशाराम