कबूतरबाजी में फंस विदेश गए पति की रिहाई के लिए पत्नी ने विदेश मंत्री से लगाई गुहार
महिला के पति को कुछ युवकों ने अरब के शहर आबूधाबी में अच्छी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर भेजा था। वहां पहुंचते ही उसे गलत दस्तावेजों के आधार पर जेल में डाल दिया गया।
बाढड़ा (चरखीदादरी) जेएनएन। अगर आप विदेश जाने के बारे में सोच रहे हैं और कोई आपको वहां नौकरी दिलवाने की बात करता है तो सतर्कता जरूर बरतें। क्योंकि हो सकता है आपके साथ कोई बड़ा खेल खेला जा सकता है। चरखी दादरी जिले में भी एक ऐसा ही केस सामने आया है। जहां विदेश गए अपने पति की रिहाई के लिए पत्नी दर-दर गुहार लगा रही है।
बता दें कि गांव काकड़ौली निवासी एक महिला ने पीएम नरेंद्र मोदी व विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिख कर अपने पति दीपक को आबूधाबी जेल से मुक्त करवाने व उनको विदेश में रोजगार दिलवाने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उक्त महिला के पति को कुछ युवकों ने आबूधाबी में अच्छी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर भेजा था। वहां पहुंचते ही उसे गलत दस्तावेजों के आधार पर जेल में डाल दिया गया। जिसके बाद परिवार चिंतित है।
गांव काकड़ौली सरदारा निवासी सुषमा पत्नी दीपक कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी व विदेश मंत्री जयशंकर को पत्र लिख कर मांग की कि उनका पति दीपक गांव में ही मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार की आजीविका चलाता था। दीपक की तीन माह पहले राजस्थान के चुरु निवासी शुभकरण व फतेहपुर सिकरी निवासी अनिल पूनिया से मुलाकात हुई। जिस पर उन दोनों ने उनको विदेश भेजकर अच्छी नौकरी दिलवाने की बात कही।
उनके पति दीपक ने उनकी बातों में आकर पहले उनके द्वारा बताई गई शर्तों के हिसाब से पासपोर्ट तैयार करवाया और फिर उनके कहने पर डेढ़ लाख की राशि दी। दोनों एजेंटों ने उनके पति दीपक को सभी कागजी खानापूर्ति कर 4 जुलाई को आबूधाबी भेज दिया। जहां पहुंचते ही उसने फोन कर सकुशल पहुंचने की बात कही। लेकिन उसके बाद उनसे किसी प्रकार का कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
4 अगस्त को अचानक ही उनको एक अज्ञात ने फोन कर बताया कि उनका पति दीपक आबूधाबी जेल में बंद है। यह सुनते ही परिजन परेशान हो गए। उनको विदेश भेजने वालों से संपर्क किया लेकिन अब उनका फोन नहीं मिल पाया। उन्होंने तुरंत बाढड़ा थाना प्रभारी को शिकायत दी। दीपक के पिता मानसिक रूप से बीमार होने के चलते कई सालों से घर से लापता हैं। दीपक की वृद्ध माता, उसकी पत्नी व तीन बच्चे घर पर हैं जो दीपक के सकुशल लौटने का इंतजार कर रहे हैं।