Move to Jagran APP

सुख की समस्त सामग्री जहां विद्यमान, वहीं स्वर्ग है : अंजलि आर्य

सीएवी हाई स्कूल में आर्य समाज के श्रावणी उपाकर्म पर्व वेद प्रचार सप्ताह।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 11:58 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 11:58 PM (IST)
सुख की समस्त सामग्री जहां विद्यमान, वहीं स्वर्ग है : अंजलि आर्य
सुख की समस्त सामग्री जहां विद्यमान, वहीं स्वर्ग है : अंजलि आर्य

फोटो : दो, तीन, चार

loksabha election banner

- सीएवी हाई स्कूल में आर्य समाज के श्रावणी उपाकर्म पर्व वेद प्रचार सप्ताह का दूसरा दिन जागरण संवाददाता, हिसार : आर्य समाज लाला लाजपतराय चौक के सानिध्य में सीएवी हाई स्कूल मंडी रोड में मनाए जा रहे श्रावणी उपाकर्म पर्व वेद प्रचार सप्ताह में प्रसिद्ध भजनोपदेशिका अंजलि आर्या ने प्रवचन दिए। उन्होंने स्वर्गगामी बनने की वैदिक परिभाषा के बारे में बताया कि संसार में प्राय: ये धारणा प्रत्येक मनुष्य की बन चुकी है कि स्वर्ग और नरक मृत्यु के बाद प्राप्त होने वाली व्यवस्था का नाम है। इसलिए मरने के बाद प्रत्येक व्यक्ति के नाम के सामने स्वर्गवासी लिखा होता है। पर हमने कभी अपने शास्त्रों पर विचार नहीं किया हमारे शास्त्र कितना वास्तविक दिग्दर्शन कराते हैं। उन्हीं वैदिक सिद्धांतों के आधार पर महर्षि दयानंद लिखते हैं कि सुख विशेष की समस्त सामग्री जहां विद्यमान है वहीं स्वर्ग है और यह व्यवस्था मानव के अपने हाथ में है। जिस मनुष्य का जीवन, ईश्वर भक्ति, वेद भक्ति, मातृ-पितृ भक्ति, देशभक्ति आदि पवित्र विचारधारा से जुड़ा होता है। स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि हमारे सनातन धर्म की मुख्य विशेषता कर्मफल सिद्धांत है। हमारे धर्मग्रंथों में सर्वत्र बताया गया है कि व्यक्ति को किए हुए कर्म का फल भोगना ही पड़ता है, दुनिया में कोई ऐसा जप-तप अनुष्ठान नहीं है जो किए गए कर्म के फल को नष्ट कर दें। स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने बताया कि आजकल बहुत सारे पाखंडी लोग धन के लालच में समाज को गुमराह कर रहे हैं कि हमारे शिष्य बन जाओ, हमारे द्वारा दिए मंत्र का जाप करो, गंगा में डुबकी लगाओ, एकादशी का व्रत करो या भागवत कथा का श्रवण करो तो सारे पाप कट जाएंगे।

कार्यक्रम में चौ. हरिसिंह सैनी, नरेंद्र मिगलानी, राधेश्याम आर्य, देवेंद्र सैनी, राजेंद्र आर्य, गोपीचंद आर्य, दलबीर आर्य, कमलदीप भुटानी, मोहन सिंह सैनी, सतेंद्र आर्य, श्याम सुंदर, धर्म मुनि क्रातिकारी, चेतन मुनि, डॉ. मिश्रीलाल, सीताराम आर्य, कुलदीप ग्रोवर, सत्यप्रकाश आर्य, बलराज मलिक, मेजर करतार सिंह, यशवंत सिंह बादल, रामसहाय चुघ, ललिता शास्त्री, रमेश चंद्र लीखा, मानसिंह पाठक, आचार्य रामस्वरूप शास्त्री, महावीर खेड़ा, सुरेंद्र रावल आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंच संचालन स्वामी ब्रह्मानंद ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.